दुर्रानी ने खोली पाक की पोल, कहा- हाफिज सईद की जरूरत नहीं, होनी चाहिए कार्रवाई
पाकिस्तान के पूर्व एनएसए का कहना है कि हाफिज सईद की कोई जरूरत नहीं है, पाकिस्तान को उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
नई दिल्ली (एएनआई)। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार महमूद अली दुर्रानी ने दो-टूक होकर पाकिस्तान से अपनी जमीन पर पनप रहे आतंकवाद को खत्म करने की बात कही है। उन्होंने जैश ए मोहम्मद के प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ भी पाकिस्तान से सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित 19वीं एशियाई सुरक्षा कांन्फ्रेस में दिए अपने वक्तव्य में कहा कि हमें हाफिज सईद की जरूरत नहीं है, लिहाजा पाकिस्तान को उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि हाफिज सईद को सजा जरूर होगी।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई में हुए 26/11 के हमले में सीध्ोतौर पर उन आतंकी संगठननों का हाथ था जिनकी जड़ें पाकिस्तान में फैली हैं। दुर्रानी ने कहा कि यह आतंकी संगठन सीमा पार से आतंकी घटनाओं को अंजाम देते हैं। दुर्रानी का बयान उस समय आया है जब इसी माह के अंत में दोनों देशों के बीच सिंधु जल को लेकर इसके स्थायी कमीशन की बैठक होने वाली है।
इतना ही नहीं उनका यह बयान इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि भारत काफी समय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित करने और इनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करता रहा है। इससे पहले इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि आतंकवाद निस्संदेह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और भारत दशकों से छद्म युद्ध का शिकार बने हुए हैं। वहीं अफगानिस्तान के एनएसए हनीफ अतमर ने भी पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए साफतौर पर कहा कि वह जैश ए मोहम्मद और लश्कर को एक आतंकी संगठन मानता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इन्हें अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में मौजूद हाफिज सईद के खिलाफ भी भारत ने कई बार ठोस सबूत दिए हैं जिन्हें पहले तो वह सिरे से खारिज करता रहा था, लेकिन अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद उसने अपने यहां मौजूद हाफिज सईद को आतंक फैलाने के आरोप में जेल में डाल दिया। दुर्रानी का बयान इस सदंर्भ में भी काफी मायने रखता है कि जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित की जाती रही हिंसा में भी पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों का ही हाथ शामिल रहा है। हालांकि पाकिस्तान इन्हे जेहाद का नाम देता रहा है। लेकिन दुर्रानी के बयान ने एक बार फिर से पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी है।
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