28 दिन में फैसला, मासूम से दुष्कर्म के दोषी को 43 साल की सजा
7 साल की बालिका से दुष्कर्म के दोषी को अदालत ने 4 धाराओंं में 43 साल की सजा सुनाई है।
आगर-मालवा (जेएनएन)। सात साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के दोषी नारायण पुत्र धुलजी (50) माली को चार अलग-अलग धाराओं में कुल 43 वर्ष की सजा सुनाई गई। अपर सत्र न्यायाधीश विधि सक्सेना ने आरोपी पर साढ़े तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अधिकतम सजा 21 साल कठोर कारावास की है। सजाएं साथ-साथ चलेंगी। मध्य प्रदेश के आगर के इतिहास में संभवत: पहली बार वारदात के सिर्फ 28 दिन में दुष्कर्म के दोषी को सजा सुनाई गई है। वारदात 29 जुलाई को हुई थी।
बिस्किट और चॉकलेट का लालच देकर किया दुष्कर्म
एडीपीओ अजय शंकर ने बताया कि 29 जुलाई, 2018 को आगर-मलवा जिले के पिपलोनकलां निवासी नारायण ने बालिका से अपनी दुकान में बिस्किट, चॉकलेट का लालच देकर दुष्कर्म किया था। इसी दौरान दुकान पर गुटका-पाउच लेने पहुंचे दशरथ नाम के व्यक्ति ने उसे देख लिया और लड़की के पिता को इसकी सूचना दे दी थी। इसके चार दिन के भीतर ही पुलिस ने जांच के बाद आरोपित के विरुद्ध कोर्ट में चालान प्रस्तुत किया। इसके बाद लगातार छह कार्य दिवस में कोर्ट में प्रतिदिन सुनवाई हुई, वहीं शेष चार कार्य दिवस में प्रकरण की सुनवाई पूरी हो गई। दोषी भाजपा कार्यकर्ता भी रहा है।
कोर्ट ने घटना को वीभत्स माना
कोर्ट ने इस घटना को वीभत्स और अनपेक्षित कृत्य मानते हुए कहा कि आरोपी ने अबोध बालिका को असहनीय पीड़ा पहुंचाई। वर्तमान में जिस तरह लगातार मासूम बालिकाओं के साथ इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं, उन्हें रोकने के लिए ऐसे अपराधियों को कठोर दंड दिया जाना जरुरी है।