भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा, GRSE ने सौंपा चौथा पनडुब्बी रोधी युद्धपोत INS करवत्ती
युद्धपोत आईएनएस करवत्ती (INS Kavaratti) को जीआरएसई के अध्यक्ष रियर एडमिरल वीके सक्सेना ने नौसेना के कमांडर संदीप सिंह को सौंपा।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय नौसेना की ताकत में अब और इजाफा हो गया है। रक्षा मंत्रालय के शिपयार्ड गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (Garden Reach Shipbuilders and Engineers) ने मंगलवार को भारतीय नौसेना (Indian Navy) को पनडुब्बी रोधी टोही युद्धपोत (Anti-Submarine Corvette) सौंप दिया है। युद्धपोत आईएनएस करवत्ती (INS Kavaratti) को जीआरएसई के अध्यक्ष रियर एडमिरल वीके सक्सेना ने नौसेना के कमांडर संदीप सिंह को सौंपा।
2017 में तत्कालीन केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना में प्रोजेक्ट 28 के तहत चार स्वदेशी निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर (ASW) में से तीसरे आईएनएस किल्तान को कमीशन किया था।
एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता स्थित जीआरएसई ने प्रोजेक्ट 28 के तहत चार पनडुब्बी रोधी टोही युद्धपोत (एएसडब्ल्यूसी) की श्रृंखला में अंतिम युद्धपोत कवरत्ती का निर्माण किया है। इससे पहले श्रृंखला के तीन युद्धपोतों की आपूर्ति की जा चुकी है जो भारतीय नौसेना के ईस्टर्न फ्लीट का हिस्सा हैं। इनमें आईएनएस कामोरता, आईएनएस कदमत्त और आईएनएस किल्तान हैं।
प्रोजेक्ट 28 को 2003 में मंजूरी दी गयी थी। इसके तहत निर्मित टोही युद्धपोतों का नाम लक्षद्वीप द्वीपसमूह के टापुओं के नाम पर रखा गया है। आईएनएस किल्तान ने हाल ही में प्रतिष्ठित मालाबार 2019 युद्धाभ्यास में भाग लिया था जिसमें भारत-जापान-अमेरिका की नौसेनाओं ने सहयोग बढ़ाने के लिए अभ्यास किया था।