Move to Jagran APP

संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन व पाकिस्तान पर साधा निशाना, दुनिया से आतंक के खात्मे के लिए भारत ने दिया फार्मूला

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में आतंकवादी घटनाओं से अंतरराष्ट्रीय शांति को खतरे के विषय पर आयोजित विशेष सत्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद से निपटने के लिए आठ सूत्री फार्मूला भी पेश किया।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 09:17 PM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 06:32 AM (IST)
संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन व पाकिस्तान पर साधा निशाना, दुनिया से आतंक के खात्मे के लिए भारत ने दिया फार्मूला
आतंकवाद के मुद्दे पर यूएनएससी में बोले विदेश मंत्री

नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। जब पाकिस्तान समर्थक तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमा कर पूरी दुनिया की शांति के लिए खतरा पैदा कर दिया है तब भारत ने वहां के हालात को क्षेत्रीय व वैश्विक शांति के लिए खतरनाक बताया है। भारत ने अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों को बढ़ावा देने वालों के साथ ही आतंक को शरण देने वाले स्थलों के खतरे के प्रति भी विश्व बिरादरी का ध्यान आकर्षित कराया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में आतंकवादी घटनाओं से अंतरराष्ट्रीय शांति को खतरे के विषय पर आयोजित विशेष सत्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद से निपटने के लिए आठ सूत्री फार्मूला भी पेश किया। इसमें किसी न किसी बहाने आतंकवाद का महिमामंडन बंद करने और आतंकवाद को लेकर दोहरा मानदंड नहीं अपनाने की अपील की गई है। कहने की जरूरत नहीं कि विदेश मंत्री का इशारा सीधे तौर पर पड़ोसी देश पाकिस्तान की तरफ था जो पूरी दुनिया में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले राष्ट्र के तौर पर चिह्नित हो चुका है।

loksabha election banner

चीन को भी लिया आड़े हाथों

जयशंकर ने आतंकवाद से जुड़े मुद्दे पर पाकिस्तान की मदद करने वाले चीन को भी आड़े हाथों लिया। आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने के मामले में जिस तरह का रवैया चीन अपनाता है, उसे जयशंकर ने पूरी दुनिया के सामने ला दिया। भारत अगस्त के लिए यूएनएससी का अध्यक्ष बना है। भारत की अध्यक्षता में होने वाली दो अहम बैठकों में हिस्सा लेने के लिए विदेश मंत्री न्यूयार्क गए हुए हैं। आतंकवाद पर गुरुवार को हुई बैठक की अहमियत अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए बढ़ गई है। जयशंकर के भाषण से साफ है कि नई परिस्थितियों में पाकिस्तान को लेकर भारत का रवैया अब पहले से भी सख्त होगा। दोनों देशों में सीज फायर होने के बाद रिश्तों में तनाव खत्म होने की संभावना जताई जा रही थी। अब हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। जयशंकर ने भले ही पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ था।

अन्य देशों ने भी अफगानिस्तान को लेकर जताई चिंता

उन्होंने भारत पर हुए मुंबई, पठानकोट, पुलवामा हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि हमें किसी भी सूरत में आतंकवाद के राक्षस से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। सनद रहे कि इन सभी आतंकी वारदातों में पाकिस्तान में पनाह पाए हुए आतंकी संगठनों का ना सिर्फ नाम आया है, बल्कि उसके सुबूत भी मिल चुके हैं। भारतीय विदेश मंत्री के अलावा इस बैठक में दूसरे कई देशों ने भी अफगानिस्तान के हालात को लेकर चिंता को सामने रखा। रूस ने कहा कि वह अफगानिस्तान में उन राजनीतिक ताकतों की मदद करेगा जिनका आतंकवाद के साथ कोई लेना देना ना हो। ब्रिटेन ने चेतावनी दी कि हमें यह ध्यान रखना होगा कि अफगानिस्तान आतंकवाद का सुरक्षित पनाहगाह ना बने। चीन ने भी कहा कि अच्छे और बुरे आतंकवाद में विभेद नहीं होना चाहिए। साथ ही आतंकवाद के लिए किसी एक देश को जिम्मेदार ठहराने का चीन ने विरोध किया है। चीन के प्रतिनिधि ने संभवत: भारतीय विदेश मंत्री के भाषण में पाकिस्तान पर किए गए परोक्ष हमले का जवाब दिया है।

जैश और लश्कर जैसे समूह भारत के खिलाफ अब भी सक्रिय : विदेश मंत्री

जयशंकर ने आइएसआइएल (दायेश) का खास तौर पर जिक्र किया और कहा कि अब भी सीरिया व इराक में इस संगठन का कुछ हिस्सा जिंदा है। इसका वित्तीय विभाग पहले से भी ज्यादा सक्रिय है। इसे लगातार फंड मिल रहा है और अब तो बिटक्वाइन के जरिये भुगतान हो रहा है। भारत के निकट पड़ोस में आइएसआइएल-खोरासन (आइएसआइएल-के) अपना पैर पसारने की कोशिश में है। अफगानिस्तान में जो हालात अब बने हैं उसका क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर असर दुनिया के लिए एक बड़ी चिंता है। हक्कानी नेटवर्क की गतिविधियों से हमारी चिंता और बढ़ी है। भारत के खिलाफ लश्कर-ए-तय्यबा, जैश-ए-मुहम्मद जैसे संगठन अब भी सक्रिय हैं और उन्हें बढ़ावा मिल रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि परिषद विभेद करने वाला या आत्मसंतुष्ट करने वाला कोई फैसला नहीं करे। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें किसी भी सूरत में आतंक को पनाह देने वालों का समर्थन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही इस बारे में जो लोग दोहरी बातें करते हैं, उनका भी विरोध करने का साहस होना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.