कोविड टीकों पर सरकार की मंजूरी देने के फैसले पर सवाल उठाने वालों को वैज्ञानिकों ने दिया करारा जवाब, जानें क्या कहा
कोविड टीकों पर सरकार की मंजूरी देने के फैसले पर सवाल उठाने वालों को वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने करारा जवाब दिया है। हाल ही में सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ दो टीकों के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। जाने विशेषज्ञों ने क्या कहा...
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना के खिलाफ दो टीकों को मंजूरी देने के सरकार के फैसले की आलोचना करने वालों को वैज्ञानिकों और चिकित्सकों के एक समूह ने करारा जवाब दिया है। वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों के इस समूह ने कहा है कि टीकों पर सरकार के फैसले की निंदा करने वाले लोग भारतीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए विश्वसनीय का एक भारी संकट पैदा कर रहे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, टीकों खासकर स्वदेशी कोवैक्सीन पर सरकार की निंदा करने वालों पर जारी इस वक्तव्य पर चिकित्सा क्षेत्र के 45 पेशेवरों और वैज्ञानिकों ने दस्तखत किए हैं।
बयानों पर हैरानी जताई
वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की ओर से निहित स्वार्थी तत्वों के बयानों पर हैरानी जताई गई है। वैज्ञानिकों और चिकित्सकों ने आलोचकों पर आरोप लगाया गया है कि वे राजनीति से प्रेरित बयान देकर कोरोना के खिलाफ टीकों के क्षेत्र में हालिया अध्ययनों पर संदेह जाहिर करके भारतीय विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की ईमानदारी को कलंकित कर रहे हैं।
इन दिग्गजों ने दिया जवाब
वैक्सीन की मंजूरी पर सवाल उठाने वालों को जवाब देने वालों में एम्स के पूर्व निदेशकों टीडी डोगरा और एमसी मिश्रा, सीएसआईआर-आईआईसीटी, हैदराबाद के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक ए. गंगाग्नी राव और मणिपाल एजुकेशन ऐंड मेडिकल ग्रुप के बोर्ड के अध्यक्ष रंजन पई शामिल हैं।
टीके मानवता के लिए उपहार
वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि ये टीके मानवता को उनकी ओर से उपहार हैं। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने हाल ही में दो कोविड वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। इन वैक्सीन में से एक ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का कोविशील्ड है जिसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है जबकि दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है।
सरकार के फैसले पर उठाए थे सवाल
उल्लेखनीय है कि कुछ नेताओं ने टीकों को मंजूरी देने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ऐसे में जब कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल अभी तक पूरा नहीं हुआ है और इसके प्रभाव या दुष्प्रभाव को लेकर आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं... इसकी मंजूरी देना जल्दबाजी में लिया गया फैसला है।
94 अरब रुपये का हुआ भारत का टीका बाजार
वहीं सरकार का कहना है कि मंजूरी देने में सारी प्रक्रियाओं का पालन किया है। देश में दो वैक्सीन चिकित्सकों और वैज्ञानिकों के अथक प्रयास का नतीजा हैं। सनद रहे कि भारत से 188 से अधिक देशों में टीके भेजे जा रहे हैं। यही नहीं साल 2019 में ही भारत का टीका बाजार 94 अरब रुपये का हो चुका है।