खाद्य सुरक्षा को मौलिक अधिकार बनाए सरकार
नई दिल्ली। माकपा ने कहा है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के गरीबी उन्मूलन का संकल्प तभी हासिल हो सकता है,जब सरकार खाद्य सुरक्षा अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा प्रदान करे। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के संपादकीय में कहा है कि राष्ट्रपति की सोच तभी हकीकत में बदल सकती है,जबकि एक ऐसा कानून हो,
नई दिल्ली। माकपा ने कहा है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के गरीबी उन्मूलन का संकल्प तभी हासिल हो सकता है,जब सरकार खाद्य सुरक्षा अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा प्रदान करे।
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के संपादकीय में कहा है कि राष्ट्रपति की सोच तभी हकीकत में बदल सकती है,जबकि एक ऐसा कानून हो, जो सुनिश्चित करे कि देश के प्रत्येक परिवार को हर माह दो रुपये की दर पर 35 किलो खाद्यान्न मिलेगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गत दिवस अपने पहले संबोधन में गरीबी को अभिशाप बताते हुए इसके उन्मूलन का आह्वान किया था। येचुरी ने कहा, अगर महामहिम इस सोच के प्रति वाकई गंभीर हैं तो वह सरकार को निर्देश दें कि खाद्य सुरक्षा को मौलिक अधिकार बनाया जाए।
माकपा नेता ने यूएन ग्लोबल हंगर इंडेक्स का हवाला देते हुए कहा, भुखमरी का सामना करने वाले 80 मुल्कों की सूची में भारत 67 वें नंबर पर है। दुनिया के कुल भूखों में से 25 फीसदी भारतीय हैं। माकपा नेता का यह बयान ऐसे समय पर जब कि वामपंथी दल सोमवार से संसद भवन के बाहर पांच दिवसीय अनशन शुरू करने जा रहे हैं।
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