Move to Jagran APP

वित्त मंत्रालय की सख्त हिदायत, फसल बीमा दावा भुगतान में तेजी लाएं कंपनियां

कर्जमाफी ईडब्ल्यूएस वर्ग में सबसे ज्यादा दबाव झेल रहे कर्जदारों को ही मिलेगी।श्रीनिवास का कहना था कि कर्जदाताओं के लिए यह हेयरकट की तरह होगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 18 Aug 2019 11:57 PM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 07:52 AM (IST)
वित्त मंत्रालय की सख्त हिदायत, फसल बीमा दावा भुगतान में तेजी लाएं कंपनियां
वित्त मंत्रालय की सख्त हिदायत, फसल बीमा दावा भुगतान में तेजी लाएं कंपनियां

नई दिल्ली, प्रेट्र। वित्त मंत्रालय ने बीमा कंपनियों को सख्त हिदायत दी है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसल बीमा दावों का भुगतान जल्द से जल्द करें। इनमें कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और कई अन्य राज्य शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना समेत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सभी बीमा दावों का जल्द से जल्द सत्यापन और भुगतान करें।

loksabha election banner

बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा ने भी बीमा कंपनियों से कहा है कि बाढ़ग्रस्त जिन क्षेत्रों में भी मृतक की लाश नहीं मिली है, वहां वर्ष 2015 में चेन्नई में आई बाढ़ के वक्त अपनाए गए तरीके पर ही दावा भुगतान करें।

छोटे कर्जदारों को मिल सकती है बड़ी राहत, कर्जमाफी की तैयारी में मोदी सरकार
वहीं सरकार छोटे कर्ज का दबाव झेल रहे कर्जदारों को मौजूदा इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (आइबीसी) के तहत कर्जमाफी का रास्ता निकालने की तैयारी कर रही है। हालांकि सरकार अगले तीन-चार वर्षो की अवधि में इस तरह की 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की कर्जमाफी नहीं देगी।

कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने बताया कि माफी उन्हें ही मिलेगी, जिनके कर्ज का कुल आकार 35,000 रुपये से ज्यादा नहीं हो। यह पेशकश आइबीसी के 'नई शुरुआत' प्रावधानों के तहत की जा सकती है। श्रीनिवास ने कहा कि माइक्रोफाइनेंस उद्योग के साथ इस पर विचार-विमर्श हुआ है कि आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के छोटे और दबाव झेल रहे कर्जदारों की कर्जमाफी की कसौटी क्या हो।

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कर्जमाफी ईडब्ल्यूएस वर्ग में सबसे ज्यादा दबाव झेल रहे कर्जदारों को ही मिलेगी।श्रीनिवास का कहना था कि कर्जदाताओं के लिए यह हेयरकट (कुल कर्ज और ब्याज में मामूली कटौती के साथ भुगतान) की तरह होगा, और इसका आकार भी बड़ा नहीं होगा। 

माइक्रो फाइनेंस उद्योग को बर्बाद नहीं होने देंगे
श्रीनिवास ने कहा कि हमने माइक्रो फाइनेंस उद्योग के साथ चर्चा की है और उनकी चिंताओं पर गौर किया है।उद्देश्य है कि माइक्रो फाइनेंस उद्योग को बर्बाद नहीं होने दिया जाए। हमारा मकसद है कि पात्रता के आधार पर छोटे कर्जदारों का कर्ज माफ किया जाए। पात्रता को लेकर माइक्रो फाइनेंस उद्योग के साथ लंबी चर्चा की गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.