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गोविंदी बनीं मोदी सरकार की ब्रांड एंबेसडर, कंप्यूटर साक्षर बन दूसरों को कर रहीं प्रेरित

कंप्यूटर साक्षर बन दूसरों को प्रेरित कर रहीं 60 साल की गोविंदी, केंद्र सरकार ने 48 महीने की उपलब्धियों में गोविंदी बाई की उपलब्धि को भी गिनाया

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 09:01 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 09:39 AM (IST)
गोविंदी बनीं मोदी सरकार की ब्रांड एंबेसडर, कंप्यूटर साक्षर बन दूसरों को कर रहीं प्रेरित
गोविंदी बनीं मोदी सरकार की ब्रांड एंबेसडर, कंप्यूटर साक्षर बन दूसरों को कर रहीं प्रेरित

रायपुर [मृगेंद्र पांडेय]। नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के एक छोटे से शहर धमतरी की रहने वाली 60 वर्षीय गोविंदी बाई मोदी सरकार की ब्रांड एंबेसडर बन गई हैं। इस उम्र में कम्प्यूटर साक्षर बन दूसरों को प्रेरित कर रहीं गोविंदी की गाथा को केंद्र सरकार ने 48 महीने की अपनी उपलब्धियों में गिनाया है।

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कठिन परिस्थितियों में भी आधुनिक तकनीक को सीखने के प्रति गोविंदी बाई की ललक ने आज उन्हें ‘स्टार’ और सरकार का ‘चेहरा’ बना दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के 48 महीने के कार्यकाल की उपलब्धियों को लेकर किए जा रहे प्रचार में गोविंदी बाई भी दिखाई दे रही हैं।

गोविंदी बाई को ब्रांड एंबेसडर के रूप में पेश किया
कक्षा पांच तक पढ़ीं गोविंदी बाई ने उम्र के बंधन को तोड़ते हुए खुद को कम्प्यूटर साक्षर बनाया। मोदी के डिजिटल इंडिया के सपनों को विस्तार देने वाली गोविंदी की इस उपलब्धि को सरकार के कैंपेन में जगह दी गई है। इसमें गोविंदी बाई को ब्रांड एंबेसडर के रूप में पेश किया गया है।

गोविंदी बाई ने जब धमतरी में युवाओं को कम्प्यूटर, इंटरनेट और मोबाइल का इस्तेमाल करते देखा तो उनके मन में भी इसे सीखने की ललक जगी। हालांकि जब वह किसी कम्प्यूटर सेंटर पर जाकर इसे सीखने की इच्छा जाहिर करतीं तो लोग इसे गंभीरता से न लेते। मजाक उड़ाते। कई लोगों ने तो यह भी कहा कि 60 साल की उम्र में कम्प्यूटर और इंटरनेट सीखकर क्या करेंगी आप।

मैं कम्प्यूटर चलाना जानती हूं और इंटरनेट भी
गोविंदी बाई बताती हैं निराश कर देने वाली इन बातों से वह हताश नहीं हुर्इं। अंतत: स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत कम्प्यूटर का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। शुरुआत में थोड़ी दिक्कत जरूर आई, लेकिन हार नहीं मानी। जूझना पड़ा, लेकिन कम्प्यूटर सीख कर ही दम लिया। बेटों व परिजनों ने भी भरपूर मदद की, हमेशा उत्साह बढ़ाए रखा। कहती हैं, अब मैं कम्प्यूटर चलाना जानती हूं और इंटरनेट भी।

राशन की दुकान में कर रहीं ऑनलाइन काम
गोविंदी बाई अब राशन की एक दुकान में ऑनलाइन काम कर रही हैं। कहती हैं, उम्र का कोई बंधन नहीं होता, जब मैं कम्प्यूटर सीखने के लिए पंजीयन कराने पहुंची थी तब मेरी उम्र को लेकर जिन लोगों ने आपत्ति की थी, बाद में सभी ने मुझे स्वीकार किया, आज सराह रहे हैं। 

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जज्बे को किया सलाम
गोविंदी बाई की मेहनत और लगन को अब राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है। केंद्र सरकार ने ‘ट्रांसफार्मिंग इंडिया के 48 महीने’ के नाम से एक वीडियो तैयार किया है। इसमें गोविंदी बाई की पूरी कहानी बताई गई है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी गोविंदी बाई के जज्बे को सलाम किया है। वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।  


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