राज्यपाल लालजी टंडन बोले, मध्य प्रदेश में दूध की नदियां बहाने के सपने को करें साकार
सरोगेट मदर के रूप में इनका उपयोग कर देशी नस्ल की गायों में उन्नत नस्लों के भ्रूण प्रत्यारोपित कर दुधारू गायें तैयार की जा सकती हैं।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा है कि प्रदेश में दूध की नदियां बहाने के सपने को साकार किया जा सकता है। आवश्यकता है कि गोपालन को मूल्य संवर्धित कर लाभकारी बनाया जाए। गोवंश की उपयोगिता को बढ़ाकर इस दिशा में प्रभावी पहल की जा सकती है। राज्यपाल ने कहा कि गोवंश संरक्षण और संवर्धन के लिए नई दिशा और दृष्टि के साथ कार्य करना होगा। गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना होगा। देशी गोवंश नस्ल सुधार, दुग्ध उत्पादन और अन्य गो-उत्पादों की वाणिज्यिक उपयोगिता आदि को शामिल कर एकीकृत कार्ययोजना से यह लक्ष्य पूरा हो सकता है।
एकाकी दृष्टिकोण के बिना नहीं हो सकता यह कार्य
पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पशुपालन विभाग और पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय मिलकर इस दिशा में पहल करें। राज्यपाल टंडन वीडियो कॉन्फ्रेंस में नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा आत्मनिर्भर गोशाला और देशी गोवंश नस्ल सुधार परियोजना के प्रस्तुतिकरण पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कार्य एकाकी दृष्टिकोण के साथ नहीं हो सकता। घुमंतू और अनुपयोगी देशी गोवंश का उपयोग नस्ल सुधार कार्य में किया जाना समस्या को संसाधन में बदलने की पहल है। सरोगेट मदर के रूप में इनका उपयोग कर देशी नस्ल की गायों में उन्नत नस्लों के भ्रूण प्रत्यारोपित कर दुधारू गायें तैयार की जा सकती हैं।
गोवंश की नस्ल सुधार की परियोजना की गई तैयार
नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति एसआर तिवारी ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा देशी गोवंश नस्ल सुधार की व्यापक परियोजना तैयार की गई है। इसमें चार वषर्षो में गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कार्य योजना है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव पशुपालन विभाग जेएन कंसोटिया और राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे भी मौजूद थे।