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विशेष पहल: गेहूं व चावल को छोड़ बाकी फसलों की खरीद की गारंटी देगी सरकार

किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए सरकार विशेष पहल करेगी।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Mon, 15 Jan 2018 07:33 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jan 2018 07:13 AM (IST)
विशेष पहल: गेहूं व चावल को छोड़ बाकी फसलों की खरीद की गारंटी देगी सरकार

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। विकास की दौड़ में पिछड़ गए कृषि क्षेत्र को रफ्तार पकड़ाने के लिए सरकार ने कमर कसना शुरु कर दिया है। इसके लिए आगामी वित्त वर्ष के आम बजट में विशेष प्रावधान किये जाने की संभावना है। इस दिशा में कृषि मंत्रालय में तेजी से काम चल रहा है। किसानों की सबसे बड़ी चुनौती उसकी उपज की उचित मूल्य पर खरीद को लेकर सरकार गंभीर है, जिसके लिए आगामी आम बजट में कुछ कारगर पहल किये जाने की संभावना है। इसके तहत गेहूं व चावल को छोड़कर बाकी अन्य फसलों की खरीद की गारंटी देने की योजना है।

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आम बजट में फसलों की खरीद को लेकर कई प्रावधान किये जाने की संभावना है। योजना के तहत राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को गेहूं व चावल की छोड़कर सभी फसलों की न्यूनतम गारंटी देनी होगी। इस बाबत आम बजट में प्रावधान किये जाने की संभावना है। दरअसल, सरकार दो दर्जन से अधिक फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करती है। लेकिन गेहूं व चावल को छोड़ बाकी फसलों की खरीद आमतौर पर नहीं होती है। छिटपुट राज्यों में कुछ-कुछ फसलों की खरीद कर ली जाती है। हालांकि गेहूं व चावल की खरीद की शत प्रतिशत गारंटी नहीं होती है।

गेहूं व चावल की सरकारी खरीद पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में की जाती है। बाकी राज्यों में छिटपुट तौर पर थोड़ी बहुत होती है। इनके अलावा ढेर सारी फसलें होती हैं, जो किसानों की आमदनी को प्रभावित करती हैं। इसे लेकर किसानों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। जिन फसलों की एमएसपी घोषित भी होती है, लेकिन उनकी खरीद नहीं होती है। इससे किसानों को घाटा उठाना पड़ता है। किसानों की यह मांग लंबे समय से होती आ रही है कि उनकी उपज की खरीद की गारंटी होनी चाहिए।

कृषि मंत्रालय ने आम बजट के लिए इस आशय का एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें जिंस बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद किसानों को नुकसान से बचाने की रणनीति तैयार की गई है। इसके मुताबिक राज्यों को इन फसलों के मूल्य कम होने की दशा में उपज की खरीद का पूरा हक होगा, जिसके लिए केंद्र भरपाई की गारंटी देगा। किसानों को बाजार मूल्य में उतार चढ़ाव के जोखिम से बचाने की रणनीति तैयार की गई है।

योजना का उद्देश्य खरीद लागत, भंडारण, विक्रय लागत, पूंजी पर ब्याज और अन्य आकस्मिक खर्च को कवर करते हुए खरीद और विक्रय मूल्य के अंतर में अगर घाटा हुआ तो केंद्र सरकार भरपाई करेगी। यह विशेष प्रावधान मध्य प्रदेश सरकार की शुरु की गई भावांतर योजना से मिलती जुलती होगी। घाटे के इस अंतर का 40 से 50 फीसद केंद्र सरकार देगी, जबकि बाकी राज्य सरकारों को वहन करना होगा। खरीद किये जाने वाली जिंसों की बिक्री का पूरा दायित्व राज्य सरकारों का होगा।

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