सरकार एसी का तापमान तय करना चाहती है, दिए कंपनियों को निर्देश
एसी में 24 डिग्री का तापमान निर्धारित करके ही भेजे। एसी के तापमान में एक डिग्री की वृद्धि करने से बिजली की खपत में 6 फीसद की बचत होती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भीषण गर्मी में अगर आप अपने कमरे में लगे एयर कंडीशनर का तापमान 18-19 रखते हैं तो आप यह ना तो अपने साथ न्याय कर रहे हैं और ना ही देश के साथ। सरकार मानती है कि इससे स्वास्थ्य को नुकसान तो होता ही है साथ ही बेवजह ही देश में बिजली की खपत बढ़ती है।
कंपनियों की तरफ से 'डिफॉल्ट सेटिंग' में तय रहेगा 24 डिग्री का तापमान
अब सरकार यह सोच रही है कि एसी बनाने वाली कंपनियों को ही निर्देश दे कि वे एसी में 24 डिग्री का तापमान निर्धारित करके ही भेजे। वैसे ग्राहक अगर एसी का तापमान कम करना चाहेंगे तो उन्हें सेटिंग में जाकर ही बदलाव करना होगा। शुक्रवार को बिजली मंत्री आरके सिंह इस मुद्दे पर देश के प्रमुख एयर कंडीशनर निर्माता कंपनियों के अधिकारियों से मिले और उन्हें इस बारे में उचित कदम उठाने को कहा।
एसी बनाने वाली कंपनियों को यह भी कहा गया है कि वे एसी पर साफ-साफ इस बारे में निर्देश प्रकाशित करें कि 24-26 डिग्री तापमान ही हर लिहाज से सही होता है। सरकार का कहना है कि एसी के तापमान में एक डिग्री की वृद्धि करने से बिजली की खपत में 6 फीसद की बचत होती है।
बिजली मंत्रालय ने इस बारे में ब्यूरो ऑफ इनर्जी रिसर्च से एक अध्ययन करवाया है। जिसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अधिकांश जगहों पर 18-21 डिग्री का तापमान एसी में निर्धारित किया जाता है। यह ज्यादा बिजली खपत करने के साथ ही स्वास्थ्य के लिहाज से भी सही नहीं है क्योंकि आम मानव के शरीर का तापमान 36-37 डिग्री होता है। जापान जैसे कुछ देश पहले ही से ही एसी कंपनियों के लिए डिफॉल्ट सेटिंग में तापमान की सीमा 28 डिग्री तय कर चुके हैं।
बिजली मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि एसी के तापमान को लेकर पूरे देश में 4-6 महीने तक पूरे देश में एक अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद एसी कंपनियों के लिए 24 डिग्री तापमान तय करने का नियम अनिवार्य बनाने की योजना है।
सरकार का अनुमान है कि अभी देश के 6 फीसद घरों में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल होता है। वर्ष 2030 तक सिर्फ एसी के जरिए 20,000 मेगावाट बिजली की खपत हो सकती है। अगर एसी खरीदने वालों की संख्या बढ़ेगी तो बिजली की खपत भी बढ़ेगी। ऐसे में अगर देश में एसी के तापमान को लेकर होशियारी दिखाई जाए तो रोजाना 4 करोड़ यूनिट बिजली की बचत की जा सकती है।