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जजों की भर्तियों के लिए सरकार को कोलेजियम की सिफारिशों का इंतजार, सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के सात पद खाली

उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों के सात पद खाली हैं दो उच्च न्यायालय नियमित मुख्य न्यायाधीशों के बिना काम कर रहे हैं और दो उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश अगले डेढ़ महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सरकार को कोलेजियम की सिफारिशों का इंतजार।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 12:21 AM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 12:21 AM (IST)
जजों की भर्तियों के लिए सरकार को कोलेजियम की सिफारिशों का इंतजार, सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के सात पद खाली
शीर्ष अदालत में 27 जज हैं, जबकि स्वीकृत संख्या 34 है।

नई दिल्ली, प्रेट्र। उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों के सात पद खाली हैं, दो उच्च न्यायालय नियमित मुख्य न्यायाधीशों के बिना काम कर रहे हैं और दो उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश अगले डेढ़ महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि इन रिक्तियों को भरने के लिए सरकार शीर्ष अदालत के कोलेजियम से सिफारिशें भेजे जाने का इंतजार कर रही है।

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सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के सात पद खाली

उच्चतम न्यायालय में पहली रिक्ति न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के नवंबर 2019 में प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद आई। इसके बाद शीर्ष अदालत में कुछ और पद न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता, आर भानुमति, अरुण मिश्रा, इंदु मल्होत्रा और पिछले महीने प्रधान न्यायाधीश के पद से एसए बोबडे के सेवानिवृत्त होने के बाद रिक्त हुए हैं। वहीं न्यायमूर्ति एमएम शांतनागौदर का अप्रैल में निधन हो गया था।

शीर्ष अदालत में 27 जज हैं, जबकि स्वीकृत संख्या 34 है, दो उच्च न्यायालयों में नहीं हैं मुख्य न्यायाधीश

शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है, जबकि वर्तमान में वह 27 न्यायाधीशों के साथ काम कर रही है। इलाहाबाद और कलकत्ता उच्च न्यायालय को कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश चला रहे हैं।

छत्तीसगढ़ और हिमाचल उच्च न्यायालय के दो जज जल्द ही होंगे सेवानिवृत्त

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश इस महीने के अंत में जबकि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जून में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

देश के 25 उच्च न्यायालयों में 420 न्यायाधीशों के पद खाली

न्याय विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध एक मई तक के आंकड़ों के मुताबिक देश के 25 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की कुल संख्या 1,080 स्वीकृत है, लेकिन ये अदालतें 660 न्यायाधीशों के साथ काम कर रही हैं। यानी 420 न्यायाधीश कम हैं।


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