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कृषि क्षेत्र में मनरेगा की उपयोगिता को लेकर सरकार गंभीर

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने में बहुत मदद मिली है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 09:39 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 09:39 PM (IST)
कृषि क्षेत्र में मनरेगा की उपयोगिता को लेकर सरकार गंभीर
कृषि क्षेत्र में मनरेगा की उपयोगिता को लेकर सरकार गंभीर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि क्षेत्र को लाभ का सौदा बनाने और ग्रामीण बेरोजगारों को काम देने में मनरेगा की उपयोगिता को लेकर सरकार बहुत गंभीर है। इसी के तहत सरकार की ओर से गठित मुख्यमंत्रियों की समिति की पहली बैठक गुरुवार को हुई। इसकी सिफारिशों के आधार पर इसके नियमों में संशोधन किया जा सकता है। मुख्यमंत्रियों की समिति की इस बैठक में समिति के अध्यक्ष मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही पहुंचे।

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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने में बहुत मदद मिली है। कृषि क्षेत्र में मनरेगा की भूमिका को देखते हुए सरकार इसे और प्रभावी बनाने पर जोर देना चाहती है। इसके लिए मुख्यमंत्रियों की समिति विचार करेगी। पहली बैठक में समिति के कामकाज की रुपरेखा तैयार की गई। इससे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ आला अफसरों ने भी हिस्सा लिया। इसके अलावा नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी भाग लिया।

बैठक में तय रुपरेखा के मुताबिक नीति आयोग के विशेषज्ञों की टीमें देश के चार विभिन्न स्थलों भोपाल, लखनऊ, पटना और गुवाहाटी में कार्यशालाएं आयोजित करेगी, जिसमें किसान संगठनों और आम जनता से राय मशविरा किया जायेगा। पहली बैठक छह अगस्त को भोपाल में होगी। बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कृषि की लागत में कमी लाने और लोगों की आमदनी को दोगुना करने की दिशा में मनरेगा अहम भूमिका निभा सकती है।

गठित समिति में सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सदस्य नामित किया गया है। समिति से खेती में फसलों की बुवाई से पहले और फसलों की कटाई के बाद वाले चरणों में मनरेगा की उपयोगिता समिति अपनी सिफारिश दे सकती है। समिति ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से गुजरात और बिहार के मुख्यमंत्रियों से विचार-विमर्श किया। जबकि पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने पत्र लिखकर अपने-अपने सुझाव भेज दिये थे।

बैठक के बाद चौहान ने बताया कि इस विषय पर सभी मुख्यमंत्रियों से सुझाव मांगे गये हैं। उन्होंने बताया कि 31 अगस्त को उप समिति की बैठक दिल्ली में होगी और बैठक में निर्णयों पर मसौदा तैयार किया जाएगा। उसी के आधार पर अंतरिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।


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