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आदर्श बनकर उभरे एमपी के सरकारी स्कूल, दक्षता का ग्राफ बढ़ाने के लिए शिक्षकों ने कसी कमर

अफसरों की पहल पर छात्रों को दक्ष बनाने सरकारी शिक्षक स्वयं स्कूल की कमियों को दूर कर उन्हें बेहतर और मॉडल स्कूल की तरह विकसित कर रहे हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 10:27 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 10:27 PM (IST)
आदर्श बनकर उभरे एमपी के सरकारी स्कूल, दक्षता का ग्राफ बढ़ाने के लिए शिक्षकों ने कसी कमर

सिवनी, राज्य ब्यूरो। जिले के सरकारी स्कूल आदर्श बनकर उभरे हैं। चलाई जा रही मुहिम से सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों में दक्षता का ग्राफ बढ़ रहा है। हाल ही में प्रदेश से घोषित छात्रों की दक्षता संबंधी मिड लाइन रिपोर्ट में जिले के 24 स्कूलों ने गोल्डन रैंक हासिल की है। मध्य प्रदेश में बैतूल के बाद सिवनी को दूसरा स्थान मिला है।

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सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए शिक्षकों ने कसी कमर

अफसरों की पहल पर छात्रों को दक्ष बनाने सरकारी शिक्षक स्वयं स्कूल की कमियों को दूर कर उन्हें बेहतर और मॉडल स्कूल की तरह विकसित कर रहे हैं। जिले में अभी तक 1724 सरकारी स्कूलों में शिक्षकों द्वारा अपने प्रयास से डिजिटल ( स्मार्ट ) क्लास शुरू किए जा चुके हैं। डिजिटल क्लास से लैस स्कूलों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

आधुनिक हो रहे स्कूल

स्कूलों की कमियों को दूर करने व छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने का आग्रह शिक्षकों से पूर्व कमिश्नर राजेश बहुगुणा ने किया था। इसके बाद शिक्षकों ने स्वप्रेरणा स्कूलों को संवारने का अभियान शुरू कर दिया। आठ माह में जिले के 1724 स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू की गई। फर्नीचर व दूसरी सामग्रियों को शिक्षकों ने जन सहयोग से पूरा किया है। 95 स्कूलों में फर्नीचर, 84 स्कूलों में बैठक के लिए गद्दे व 98 स्कूलों को अन्य सामग्री उपहार में दी गई।

'मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी' अभियान

'मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी' अभियान के तहत करीब 4 करोड़ रुपये के उपहार जिले के सरकारी स्कूलों को शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों ने दिए हैं।

निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में छात्रों को स्वच्छता व नैतिक शिक्षा भी दी जा रही

रिजल्ट सुधारने प्रयास स्कूलों का रिजल्ट बेहतर करने निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में छात्रों को स्वच्छता के साथ व्यवहारिक व नैतिक शिक्षा भी दी जा रही है। पहली से पांचवीं और छठवीं से आठवीं के छात्रों का बौद्धिक स्तर मजबूर करने उन्हें अक्षर, शब्द, वाक्य, कहानी, जोड़ना-घटाना, गुणा-भाग, मापन, ज्यामितीय का अभ्यास नियमित रूप से कराया जा रहा है।

धनौरा ब्लाक बना मॉडल

धनौरा विकासखंड में पांच साल से 'चलो अच्छा प़़ढाएं स्कूल बचाएं' मुहिम के तहत शिक्षकों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बीआरसीसी प्रकाश ठाकुर ने बताया कि दिसंबर 2016 में 207 स्कूलों में किए गए बेसलाइन टेस्ट में 3 स्कूल 'ए' श्रेणी में आए थे। जनवरी 2019 में 199 स्कूलों में किए गए बेसलाइन टेस्ट में 69 स्कूलों ने 'ए' ग्रेड पाया। सामूहिक प्रयासों से स्कूलों में किए गए बदलाव के कारण धनौरा विकासखंड सिवनी जिले ही नहीं संभाग व प्रदेश में अपनी पहचान बना चुका है।

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की मुहिम के सकारात्मक परिणाम

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की मुहिम के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। पूर्व कमिश्नर राजेश बहुगुणा की पहल को शिक्षकों ने अभियान बना लिया है।

1724 सरकारी स्कूलों में डिजिटल क्लास की गई शुरू

शिक्षकों ने स्वयं के प्रयासों से 1700 से ज्यादा स्कूलों में डिजिटल क्लास ([स्मार्ट)] शुरू कर दी हैं। कमियों को दूर कर बेहतर माहौल में छात्रों को प़़ढाया जा रहा हैं। शिक्षकों की मेहनत व लगन से छात्रों की दक्षता का ग्राफ बढ़ रहा है- प्रवीण सिंह अ़़ढायच, कलेक्टर सिवनी।


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