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अब हर माह होगा कोविशील्ड की 12 करोड़ डोज का उत्पादन, देश में अब तक टीकों की 47 करोड़ डोज दी गई

सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि कोरोना रोधी वैक्सीन कोविश्लीड और कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दिसंबर तक कोविशील्ड की मासिक उत्पादन क्षमता बढ़कर 12 करोड़ डोज और कोवैक्सीन की 5.8 करोड़ डोज हो जाएगी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 09:40 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 09:48 PM (IST)
अब हर माह होगा कोविशील्ड की 12 करोड़ डोज का उत्पादन, देश में अब तक टीकों की 47 करोड़ डोज दी गई
हर माह होगा कोविशील्ड की 12 करोड़ डोज का उत्पादन। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि कोरोना रोधी वैक्सीन कोविश्लीड और कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दिसंबर तक कोविशील्ड की मासिक उत्पादन क्षमता बढ़कर 12 करोड़ डोज और कोवैक्सीन की 5.8 करोड़ डोज हो जाएगी। इसके अलावा रेमडेसिविर की उत्पादन क्षमता भी अप्रैल माह के मध्य तक 38.8 लाख शीशी प्रति माह थी जो जून से बढ़ कर 122.49 लाख शीशी प्रति माह हो गई।

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राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक लिखित जवाब में बताया कि उत्पादकों की तरफ से बताया गया है कि कोविशील्ड की उत्पादन क्षमता मौजूदा 11 करोड़ डोज प्रतिमाह से बढ़कर 12 करोड़ डोज से अधिक और कोवैक्सीन की 2.5 करोड़ डोज से बढ़कर 5.8 करोड़ डोज प्रतिमाह होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि देश में अब तक टीकों की 47 करोड़ डोज दी गई हैं और केंद्र सरकार पूरे देश के जल्द से जल्द टीकाकरण का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि चार और भारतीय कंपनियों के अक्टूबर-नवंबर तक कोविड रोधी टीकों का उत्पादन शुरू करने की उम्मीद है जिससे टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी।

निजी अस्पतालों द्वारा उपयोग नहीं की गई सात से नौ फीसद डोज का भी सरकारी टीकाकरण केंद्रों में उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में बायोलॉजिकल ई और नोवाíटस के टीके भी बाजार में उपलब्ध होंगे वहीं जायडस कैडिला को जल्दी ही एक विशेषज्ञ समिति से आपात उपयोग की अनुमति मिल जाएगी। स्पूतनिक टीका भी उपलब्ध है और इसका उत्पादन शुरू हो गया है।62.54 फीसद रजिस्ट्रेशन आन-साइट मांडविया ने कहा कि कोरोना टीकाकरण के लिए 62.54 फीसद रजिस्ट्रेशन आन-साइट किए गए और मौके पर जाकर 77 फीसद टीके लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बिना फोटो पहचान पत्र वाले 4.35 लाख से ज्यादा लोगों को भी विशेष अभियान चलाकर अभी तक टीके लगाए गए हैं।

रेमडेसिविर की कोई कमी नहीं मांडविया ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह भी बताया कि किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर की कमी नहीं है। दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई 2021 में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग अचानक बढ़ गई और बाजार में इसकी किल्लत हो गई। रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाने के लएि लाइसेंसधारी निर्माताओं के 40 नए उत्पादन स्थलों को शीघ्रता से मंजूरी दी गई। इस समय देश में हर महीने रेमडेसिविर की उत्पादन क्षमता बढ़कर 122.49 लाख शीशी हो गई।यूरिया के आयात में नौ फीसद की वृद्धि एक सवाल के जवाब में मांडविया ने लोकसभा को बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत के यूरिया आयात में नौ फीसद की वृद्धि हुई है और यह 98.28 लाख टन पर पहुंच गया है।

कोविड वैक्सीन मिक्सिंग की सिफारिश नहीं स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने सदन को बताया कि कोरोना रोधी वैक्सीन की मिक्सिंग की सिफारिश नहीं की गई है। मिक्सिंग से मतलब एक ही व्यक्ति को पहली डोज किसी और कंपनी की और दूसरी डोज किसी और कंपनी की वैक्सीन लगाने से है। कोरोना संबंधी शोध के लिए 1,600 करोड़ रुपये आवंटित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने सदन को बताया कि कोरोना संबंधी शोध और उत्पादन विकास के लिए 1,600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें से जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और उसकी सहायक कंपनी बायोटेक्नोलाजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआइआरएसी) को 1,300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।


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