उच्च शिक्षण संस्थानों में बढ़ाई गई सीटों का सरकार ने मांगा ब्योरा
दाखिला प्रक्रिया शुरू होने से पहले तय सीटें बढ़ाने का काम पूरा कर लेने पर है सरकार का जोर है। अगले दो सालों में करीब 2.14 लाख सीटों की बढोत्तरी होनी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) के लोगों को दिए गए दस फीसद आरक्षण के बाद सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों से उनके यहां बढ़ाई गई सीटों का ब्योरा मांगा है। इस कोटे के लागू होने के बाद सरकार ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को सीटों में बढ़ोत्तरी के निर्देश दिए थे। साथ ही इसके अमल के लिए करीब 4,315 करोड़ रुपए की भी मंजूरी दे दी थी।
सीटों की बढ़ोत्तरी को लेकर सरकार ने यह सक्रियता उस समय दिखाई है, जब इन संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। ऐसे में सरकार का पूरा जोर तय समय में सीटों को बढ़ाने का काम पूरा करना है। इस कड़ी में सभी संस्थानों से विषयवार पहले और बढ़ोत्तरी के बाद सीटों की संख्या का ब्योरा देने को कहा गया है।
दो लाख से ज्यादा सीटें बढ़ाई जाएंगी
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक नई व्यवस्था के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित देश के सभी 158 उच्च शिक्षण संस्थानों में 2.14 लाख सीटें बढ़ाई जानी है। इनमें इस साल यानि वर्ष 2019-20 में करीब 1.19 लाख सीटें बढ़ाई जानी है। जबकि अगले साल इन संस्थानों को करीब 95 हजार सीटों की बढ़ोत्तरी करने का लक्ष्य दिया गया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही उच्च शिक्षण संस्थानों में सीटों की बढ़ोत्तरी को मंजूरी दी थी।
बता दें कि उच्च शिक्षण संस्थानों में सीटों को बढ़ाने का यह फैसला सरकार ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) को दस फीसद आरक्षण दिए जाने के बाद लिया था। यह कदम इसलिए उठाया गया, ताकि संस्थानों में पहले से आरक्षित सीटों की संख्या में कोई कमी न आए। फिलहाल जिन उच्च संस्थानों में सीटों की बढ़ोत्तरी को मंजूरी दी गई है, उनमें केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित आइआइटी, एनआइटी जैसे केंद्रीय संस्थान शामिल हैं।
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