इराक में भारतीय बंधकों की तलाश में जुटी सरकार
विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने किया मोसुल और इरबिल का दौरा..
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने करीब तीन साल पहले इराक के मोसुल इलाके से 39 भारतीयों को अगवा कर लिया था। बीते रविवार को मोसुल से आइएस के पैर उखड़ने की खबर आते ही इन भारतीयों की खोज के लिए सरकार सक्रिय हो गई। विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने अगले ही दिन इराक पहुंचकर इरबिल और मोसुल का दौरा किया। सरकार का कहना है कि इराकी अधिकारियों ने भारतीय बंधकों का पता लगाने में हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
इराक से वीके सिंह ने भी ट्वीट किया, 'भारतीय बंधकों का सुराग लगाने के लिए मैं मोसुल में पेशमर्गा (आइएस के खिलाफ लड़ रहे कुर्दिश लड़ाके) के अग्रिम मोर्चे तक गया। पेशमर्गा अब भी आइएस के कब्जे वाले इलाकों पर अपना नियंत्रण स्थापित करने में लगे हैं।' इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा था, 'इराक में भारतीय राजदूत और इरबिल स्थित उच्चायोग के अधिकारियों को भारतीय बंधकों का पता लगाने के लिए प्रयास तेज करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इराकी अधिकारियों ने भी हमें इस काम में हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।'
आइएस द्वारा बंधक बनाए गए ज्यादातर भारतीय पंजाब के हैं। ये लोग कई साल पहले रोजगार की तलाश में इराक गए थे। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी इस मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से दखल की अपील की थी। अमरिंदर ने उनसे कहा था कि मोसुल से आइएस को खदेड़े जाने के बाद इन भारतीयों के परिजन बेसब्री से उनकी स्वदेश वापसी का इंतजार कर रहे हैं। इस पर विदेश मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि भारतीय बंधकों का पता लगाने के लिए उनका मंत्रालय कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
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