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दूध की उत्पादकता बढ़ाने पर सरकार का जोर

मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक, प्रोटीन का बढ़ती मांग से डेयरी क्षेत्र में उद्यमियों का बढ़ा रुझान

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Thu, 28 Dec 2017 08:26 PM (IST)Updated: Thu, 28 Dec 2017 08:26 PM (IST)
दूध की उत्पादकता बढ़ाने पर सरकार का जोर
दूध की उत्पादकता बढ़ाने पर सरकार का जोर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। किसानों की आमदनी को दोगुना करने के सरकार के प्रयासों को दुग्ध उत्पादन से बल मिला है। आधुनिक तकनीक के सहारे पशुधन विकास और दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने की योजना को तेजी से लागू किया जा रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि सरकार का जोर दुधारू पशुओं में उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को उसके दूध का उचित मूल्य दिलाने पर रहेगा। सिंह गुरुवार को यहां कृषि मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में बोल रहे थे।

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सलाहकार समिति की बैठक में हिस्सा लेने वाले सांसदों से मिलने वाली परामर्श को स्वीकार किया गया। सिंह ने कहा कि दुग्ध कारोबार में वैश्विक स्तर पर उद्यमियों के लिए संभावनाएं उभरकर सामने आई हैं। कृषि मंत्री सिंह ने कहा कि डेयरी विकास के लिए तीन परियोजनाएं हैं, जिन्हें सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। पहला, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड राज्यों के सहयोग से चला रहा है। जबकि दूसरा राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम है, जिसे नाबार्ड राज्यों के सहयोग से जिलों में राष्ट्रीय कृत बैंकों के माध्यम से किया जा रहा है।

लेकिन तीसरी परियोजना डेयरी प्रसंस्करण और ढांचागत विकास के लिए है, जिसमें किसानों की आमदनी को बढ़ाने पर सारा जोर है। इस योजना की शुरुआत वर्ष 2017-18 में की गई। कृषि मंत्री सिंह ने बताया कि पिछले 15 सालों में भारत दुग्ध उत्पादन में दुनिया में अव्वल बना हुआ है। वर्ष 1960 के दशक में जहां दूध का उत्पादक 1.7 से 2.2 करोड़ टन था, वह आज बढ़कर 16.37 करोड़ टन पहुंच गया है।

दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 351 ग्राम रोजाना हो गई है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि भूमिहीन व सीमांत किसानों के लिए डेयरी कारोबार जीवनयापन व खाद्य सुरक्षा का जरिया बन चुका है। देश में तकरीबन सात करोड़ ऐसे ग्रामीण किसान डेयरी कारोबार से जुड़े हुए हैं। इनके पास देश की कुल गायों का 80 फीसद हैं। प्रोटीन के प्रति बढ़ते रुझान से दूध की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। इसलिए दूध उत्पादन के क्षेत्र में उद्यमिता विकास की संभावनाएं बढ़ी हैं।


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