Move to Jagran APP

चुनाव एक साथ कराए जाने पर जल्द लिया जा सकता है बड़ा फैसला

इसीतरह की एक रिपोर्ट सरकार के थिंक-टैंक नीति आयोग ने भी अपनी सिफारिशों में दी है। नीति आयोग ने भी दोनों चुनाव दो चरणों में एक साथ कराने की सिफारिश की है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 14 Apr 2018 10:48 PM (IST)Updated: Sat, 14 Apr 2018 11:24 PM (IST)
चुनाव एक साथ कराए जाने पर जल्द लिया जा सकता है बड़ा फैसला
चुनाव एक साथ कराए जाने पर जल्द लिया जा सकता है बड़ा फैसला

नई दिल्ली, प्रेट्र : केंद्र सरकार चुनाव आयोग से यह पूछने वाली है कि क्या अगले साल की शुरुआत में ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ दो चरणों में कराया जा सकता है।

loksabha election banner

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार कानून आयोग के रिपोर्ट सौंपने के बाद इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से उसके विचार मांगेगी। कानून आयोग इस संबंध में अपनी रिपोर्ट इस महीने के आखिर में कानून मंत्रालय को सौंपने वाला है। समझा जाता है कि केंद्र सरकार वर्ष 2019 और 2024 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराना चाहती है। सरकार चुनाव आयोग को इन दोनों चुनावों को दो चरणों में कराने का सुझाव दे सकती है।

इसीतरह की एक रिपोर्ट सरकार के थिंक-टैंक नीति आयोग ने भी अपनी सिफारिशों में दी है। नीति आयोग ने भी दोनों चुनाव दो चरणों में एक साथ कराने की सिफारिश की है। सूत्रों के अनुसार सरकार चाहती थी कि खुद चुनाव आयोग इस संबंध में आने वाले महीनों में अपने विचार उसके समक्ष रखे।

सरकार की अवधारणा 'एक राष्ट्र एक चुनाव' को साकार करने के लिए कानून आयोग ने इंटरनल वर्किग पेपर में सिफारिश की है कि वर्ष 2019 की शुरुआत में ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ और दो चरणों में कराए जाएं। दूसरे चरण का चुनाव एक साथ वर्ष 2024 में कराया जा सकता है। इस दस्तावेज में संविधान में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही जनप्रतिनिधि कानून को छोटा या बढ़ा कर सभी विधानसभाओं के कार्यकाल को एक साथ लाया जाए। इन संशोधनों की सिफारिश संसदीय समिति और फिर नीति आयोग दोनों ने ही की है। जिन विधानसभाओं में पहले चरण में चुनाव कराने की पेशकश की गई है, वहां 2021 में विधानसभा चुनाव होने है। इनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र हैं। दूसरे चरण में आने वाले राज्य हैं-उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब हैं।

चुनाव आयोग के एक सुझाव के मुताबिक सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने से पहले विश्वास प्रस्ताव लाना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि विपक्ष के पास वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या बल है या नहीं है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने कहा था कि दोनों चुनाव एक साथ कराने की तैयारी में बहुत वक्त लग जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.