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जमीन से जुड़े नेता थे गोपीनाथ मुंडे

महाराष्ट्र के कद्दावार नेता माने जाने वाले गोपीनाथ मुंडे 16वीं लोकसभा में बीड से जीतकर आए थे। उनका जन्म 12 दिसंबर, 1

By Edited By: Published: Tue, 03 Jun 2014 09:36 AM (IST)Updated: Tue, 03 Jun 2014 02:59 PM (IST)
जमीन से जुड़े नेता थे गोपीनाथ मुंडे

नहीं रहे कैबिनेट मंत्री गोपीनाथ मुंडे

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महाराष्ट्र के कद्दावार नेता माने जाने वाले गोपीनाथ मुंडे 16वीं लोकसभा में बीड से जीतकर आए थे। उनका जन्म 12 दिसंबर, 1949 को बीड जिले के नथरा में हुआ था। उनके पिता का नाम पांडुरंग मुंडे व मां का नाम लिंबाबाई था। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा नथरा में हासिल की। कहा जाता है कि उन्होंने अपना बचपन बेहद गरीबी में गुजारी थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई काफी परेशानियों में रहकर पूरी की। मुंडे का विवाह 21 मई, 1978 में प्रज्ञा महाजन के साथ हुआ था। मुंडे भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन के बहनोई थे।

बेहद सरल स्वभाव के मुंडे महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख नेताओं में से एक थे। 1980 से 2009 के मध्य वह पांच बार महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य रह चुके थे। 1995 से 2009 तक वे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रहे।

2009 में वे लोकसभा सदस्य के रूप में चुने गए। इस दौरान उन्हें 29 जून, 2009 को व्यवसाय परामर्शदाता समिति का सदस्य बनाया गया, छह अगस्त 2009 को लोक लेखांकन समिति का सदस्य बनाया गया। वह लोकसभा में भाजपा संसदीय दल के उपनेता भी बनाए गए।

31 अगस्त, 2009 से वे वित्तीय समिति के सदस्य घोषित किए गए। 16 सितंबर, 2009 को मुंडे को गृह मंत्रालय की परामर्शदाता समिति का सदस्य बनाया गया। 6 जनवरी, 2010 को उन्होंने लोक लेखांकन समिति के अध्यक्ष का पदभार संभाला।

मोदी मंत्रिमंडल में मुंडे को बेहद महत्वपूर्ण ग्रामीण विकास मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था। उनकी पहचान जमीन से जुड़े एक कर्मठ नेता के रूप में थी। वह एक राजनेता के साथ-साथ कृषक भी थे। महाराष्ट्र में भाजपा की ओर से एकमात्र भीड़ जुटाने वाले नेता के तौर पर विख्यात मुंडे ओबीसी से आते हैं। पिछले चालीस साल से भाजपा से जुड़े रहने वाले मुंडे लगातार 37 साल से चुनकर आते रहे। उनका ठाकरे परिवार से गहरा नाता था। परिवार में उनकी पत्नी के अलावा तीन बेटियां पंकजा मुंडे, प्रीतम मुंडे और यशश्री मुंडे हैं। बड़ी बेटी पंकजा परली से विधायक भी हैं। यहां से पहले मुंडे विधायक चुने जाते रहे।

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