Good News: अब उत्तक के नमूनों को सुनकर रोगों का पता लगाएगी डिवाइस
अमेरिका के इंजीनियरों ने एक ऐसी डिवाइस बनाने में सफलता हासिल की है जो ऊतक के नमूनों में ध्वनि तरंगों को प्रवाहित कर रोग की प्रगति के स्तर को माप सकेगी।
न्यूयॉर्क, प्रेट्र। अमेरिका के इंजीनियरों ने एक ऐसी डिवाइस बनाने में सफलता हासिल की है जो ऊतक के नमूनों में ध्वनि तरंगों को प्रवाहित कर रोग की प्रगति के स्तर को माप सकेगी। इस डिवाइस के इस्तेमाल से कैंसर की पहचान का नया तरीका मिल सकता है। लैब ऑन चिप नामक जर्नल में इस डिवाइस के बारे में बताया गया है।
जर्नल के मुताबिक डिवाइस मानव शरीर की कोशिकाओं की संरचना में आ रहे तनाव को सुनती है और यदि कैंसर ऊतकों पर आक्रमण करता है तो यह उसकी जानकारी देती है। अमेरिका स्थित पड्र्यू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक इस ऊतक संरचना में बदलाव की निगरानी, जिसे बाह्य मैट्रिक्स कहा जाता है, वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को बीमारी की प्रगति का अध्ययन करने का एक और तरीका दे सकता है।उन्होंने कहा कि अब तक बाह्य मैट्रिक्स में परिवर्तन का पता बगैर इसे नुकसान पहुंचाए नहीं लगाया जा सकता था।
अध्ययन के सह लेखक पड्र्यू विश्वविद्यालय के रहीम रहीमी ने कहा कि यह हवाई जहाज के विंग में क्षति की जांच के लिए अपनाई जाने वाली अवधारण पर केंद्रित है। इसमें भी ध्वनि तरंग को एक तरफ से सामग्री में प्रवाहित किया जाता है और दूसरी ओर रिसीवर को रखा जाता है। इसके बाद लहर के आधार पर यह फैसला लिया जाता है कि सामग्री को कोई क्षति हुई है या नहीं।
अध्ययन में कहा गया है कि प्रत्येक ऊतक और अंग का अपना विशिष्ट बाह्य मैट्रिक्स होता है। बिल्कुल वैसे ही जैसे सड़क पर बनने वाले घरों की संरचना उनके उद्देश्य के आधार पर अलग-अलग होती हैं। वर्तमान शोध में शामिल वैज्ञानिकों का कहना है कि पहले के अध्ययन में बाह्य मैट्रिक्स के नमूनों को रसायनों के जरिए ही खींचकर या संपीड़ित करके ही स्थिति का पता लगाया जाता था। हालांकि, इन विधियों से बाह्य मैट्रिक्स को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है।
वर्तमान अध्ययन में, रहीमी की टीम ने यह अध्ययन करने के लिए एक एक नया तरीका विकसित किया जिससे बाह्य मैट्रिक्स को कोई नुकसान न पहुंचे और यह पता चल सके कि विषाक्त पदार्थों या दवाओं के प्रति कैसी प्रतिक्रिया रहती है। अध्ययन में कहा गया है कि बाह्य मैट्रिक्स और कोशिकाओं को डिवाइस में बने एक प्लेटफॉर्म में डालने के बाद, एक ट्रांसमीटर अल्ट्रासोनिक तरंग उत्पन्न करता है जो पदार्थ के माध्यम से फैलता है और फिर रिसीवर को ट्रिगर करता है। इससे, विद्युत संकेत के रूप में एक आउटपुट उत्पन्न होता है, जो बाह्य मैट्रिक्स की कठोरता को दर्शाता है।