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जब सड़कों पर लोगों को ट्रैफिक रूल समझाते नजर आए सांता, मिठाई और चॉकलेट भी बांटी

पणजी में ट्रैफिक पुलिस सिग्नल पर सांता क्लाज की ड्रेस पहने नजर आई इतना ही नहीं वहां से गुजर रहे लोगों को उन्होंने मिठाईयां और गिफ्ट भी बांटे।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 25 Dec 2019 08:43 AM (IST)Updated: Wed, 25 Dec 2019 08:47 AM (IST)
जब सड़कों पर लोगों को ट्रैफिक रूल समझाते नजर आए सांता, मिठाई और चॉकलेट भी बांटी

नई दिल्ली, एएनआइ। क्रिसमस से एक दिन पहले 24 दिसंबर से ही देश में जश्न शुरू हो गया है। बाजारों में लोगों की भीड़ को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पर्व को लेकर लोगों में कितना उत्साह है। गोवा में क्रिसमस ईव पर एक अलग ही नजारा देखने को मिला। यहां की ट्रैफिक पुलिस ने यातायात नियमों को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए खास कदम उठाया है।

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पणजी में ट्रैफिक पुलिस सिग्नल पर सांता क्लाज की ड्रेस पहने नजर आई इतना ही नहीं वहां से गुजर रहे लोगों को उन्होंने मिठाईयां और गिफ्ट भी बांटे। इस दौरान उन्होंने लोगों को ट्रैफिक के नियम भी बताए। दरअसल ट्रैफिक पुलिस की तरफ से यह खास कदम लोगों में ट्रैफिक रूल्स को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए उठाया गया है।

बता दें कि क्रिसमस ईसाईयों का सबसे बड़ा त्योहार होता है, जिसे वो लोग बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। क्रिसमस को लेकर कई दिनों से बजारों में रौनल लगी है। क्रिसमस के एक दिन पहले से ही देशभर में जश्न का माहौल है। कल मध्यरात्रि से ही देश की विभिन्न चर्च में लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था, इस दौरान लोगों ने कैरोल गाए और बाइबिल में प्रभु यीशु की कहानी पढ़ी।

देश की विभिन्न चर्चों जैसे बेंगलुरु की सेंट फ्रांसिस जेवियर कैथेड्रल चर्च, गोवा की अवर लेडी ऑफ द इमेक्यूलेट कंसेपशन चर्च, दिल्ली के गोल डाक खाना की सैकरेड हार्ट कैथेड्रल चर्च, तिरुवनंतपुरम सेंट जोसेफ कैथेड्रल चर्च, मुंबई की सेंट मिशेल चर्च और कोलकाता की चर्च ऑफ क्रिस्ट द किंग में शानदार नजारा देखने को मिला।

क्रिसमस का त्योहार प्रभु यीशु के जन्म उत्सव के रूप में 25 से 31 दिसंबर तक मनाया जाता है और 24 दिसंबर की आधी रात से ही इसकी शुरूआत हो जाती है। इससे पहले मंदलवार को मंगलवार को क्रिसमस से पहले फिनलैंड के रोविनेमि स्थित फिनिश शहर में लोग सांता क्लाज के आधिकारिक घर पर इक्ट्ठा हुए। ऐसी मान्यता है कि क्रिसमस से पहले सांता क्लाज यहां अपने घर से खाली स्लेज यानी जिसे बर्फ पर चलने वाली बिना पहियों की गाड़ी कहा जाता है, को लेकर गिफ्ट भरने के लिए उत्तरी ध्रुव की और रवाना हुए थे।


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