कॉलेज में हिजाब पर रोक, छात्रा ने मुंबई हाईकोर्ट में लगाई गुहार
मुंबई में होम्योपैथी की एक छात्रा ने बांबे हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा है कि उसे हिजाब पहनकर क्लास में आने से रोका गया।
मुंबई, प्रेट्र। मुंबई में होम्योपैथी की एक छात्रा ने लिखित परीक्षा में बैठने से रोकने पर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कॉलेज प्रशासन ने फाकिहा बादामी को कम उपस्थिति के चलते लिखित परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं दी थी। इसके खिलाफ बांबे हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए फाकिहा ने कहा है कि उसे हिजाब पहनकर क्लास में आने से रोका गया। इसके चलते उसकी उपस्थिति कम रही और अब परीक्षा में बैठने नहीं दिया जा रहा है।
बांद्रा की रहने वाली फाकिहा भिवंडी के साई होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज की छात्रा है। उसने दावा किया है कि कॉलेज ने अपने परिसर में सभी मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर रोक लगा रखी है। याचिका के मुताबिक, फाकिहा ने कॉलेज के बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी पाठ्यक्रम में 2016 में नामांकन कराया था। यह कॉलेज महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ सर्विसेज (एमयूएचएस) से संबद्ध है। याचिका के अनुसार, फाकिहा ने एमयूएचएस और आयुष मंत्रालय को पत्र लिखे थे। इसमें कॉलेज से कहा गया कि वह इस मुद्दे को सुलझाएं।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि कॉलेज छात्रा को हिजाब नहीं पहनने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। परंतु कालेज ने उसकी बात नहीं मानी। वह सबसे पहले नवंबर 2017 में हाई कोर्ट पहुंची थी। उस समय भी उसे परीक्षाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई थी। उस समय कॉलेज ने हाई कोर्ट से कहा था कि उसे 2018 की गर्मी में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। बादामी ने दावा किया है कि इसके बावजूद उसे सिर्फ इस साल मार्च से दोहराई जाने वाली कक्षाओं में शामिल होने दिया गया और कम उपस्थिति के कारण परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया है।