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कुंवारियों को मोबाइल रखने की मनाही

प्रखंड के बनौली गांव की महिलाओं ने सामाजिक बुराइयों पर अंकुश लगाने को कमर कस ली है। शराब उन्मूलन के खिलाफ इनका अभियान तो समाज के लिए अच्छा संदेश है पर कुंवारी लड़कियों के मोबाइल रखने पर मनाही का फैसला हरियाणा की 'खाप' पंचायत के निरंकुश रवैये की तर्ज पर सामने आया है, यह आम लोगों के

By Edited By: Published: Fri, 24 May 2013 11:31 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2013 11:38 AM (IST)
कुंवारियों को मोबाइल रखने की मनाही

निज प्रतिनिधि, चेनारी (रोहतास)। प्रखंड के बनौली गांव की महिलाओं ने सामाजिक बुराइयों पर अंकुश लगाने को कमर कस ली है। शराब उन्मूलन के खिलाफ इनका अभियान तो समाज के लिए अच्छा संदेश है पर कुंवारी लड़कियों के मोबाइल रखने पर मनाही का फैसला हरियाणा की 'खाप' पंचायत के निरंकुश रवैये की तर्ज पर सामने आया है, यह आम लोगों के गले नहीं उतर रहा।

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यहां महिलाओं ने दुर्गा वाहिनी नामक संगठन बनाया है। इन महिलाओं की समझ है कि मोबाइल ही समाज में पनप रहे तमाम अनैतिक कृत्य की जड़ है। अविवाहित लड़कियों के हाथ में तो मोबाइल होना ही नहीं चाहिए क्योंकि इसी के जरिए वे शोहदों के झांसे में आकर अपना जीवन बर्बाद कर लेती हैं। ऐसे में दुर्गा वाहिनी ने गांव व आसपास की कुंवारी लड़कियों को भारतीय संस्कृति व संस्कार का पाठ पढ़ाने का फैसला करने के साथ ही मोबाइल रखने पर बंदिश लगाई है। दुर्गा वाहिनी की सदस्यों ने गलियों में शराब पीकर अनाप-शनाप बकने वालों की खबर लेनी भी शुरू कर दी है।

गुरुवार को शराब पीकर गली में बड़बड़ा रहे युवक बालेश्वर पासी की प्रभावती देवी के नेतृत्व में महिलाओं ने झाडू़ से पिटाई की। आइंदा शराब न पीने की कसम खाने के बाद उसे ऊठक-बैठक कराकर छोड़ा गया।

ललिता देवी, मनोरमा देवी, संगीता देवी, शकुंतला देवी, शहरा बानो, चंदा देवी, बसंती देवी आदि ने बताया कि गांव में शराब पीने वालों को इसी तरह दंडित करने का निर्णय किया गया है। महिलाओं में यह जागरूकता बीते सप्ताह बनौली आई अनुसूचित जाति महिला आयोग की सदस्य कंचन माला चौधरी के दौरे के बाद आई है। उनके सामने महिलाओं ने शराबखोरी की मुखालफत का संकल्प लिया था। प्रभावती देवी ने बताया कि शराब की लत समाज को बर्बाद कर रही है। लोग घर का सामान भी बेचकर शराब पी जाते हैं। समाजसेवी बुटन पासी ने बताया कि महिलाओं का यह कदम स्वागत योग्य है। इसका बुद्धिजीवी समर्थन कर रहे हैं। हालांकि बीडीओ शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि मुझे कोई विशेष जानकारी नहीं मिली है। अगर महिलाएं सामाजिक बुराई के विरुद्ध खड़ी हुई हैं तो यह सराहनीय है।

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