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एक साल में महाराष्ट्र से केरल पहुंचा 74 टायर वाला ट्रक, साथ चलती थी 32 लोगों की टीम

ट्रक ने 8 जुलाई 2019 को महाराष्ट्र से यात्रा शुरू की थी और चार राज्यों से होते हुए तिरुवनंतपुरम पहुंचने में एक साल का समय लगा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 01:06 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 01:06 PM (IST)
एक साल में महाराष्ट्र से केरल पहुंचा 74 टायर वाला ट्रक, साथ चलती थी 32 लोगों की टीम
एक साल में महाराष्ट्र से केरल पहुंचा 74 टायर वाला ट्रक, साथ चलती थी 32 लोगों की टीम

तिरुवनंतपुरम (केरल), एएनआइ। अंतरिक्ष अनुसंधान परियोजना के लिए एयरोस्पेस ऑटोक्लेव लेकर महाराष्ट्र से पिछले साल रवाना हुआ एक 74 टायर वाला 70 टन वजनी ट्रक रविवार को को केरल पहुंचा। तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (Vikram Sarabhai Space Centre) पहुंचने के लिए इसने 1700 किलोमीटर की यात्रा की। इस ऑटोक्लेव का इस्तेमाल बड़े एयरोस्पेस प्रोडक्ट के निर्माण में किया जाता है।

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ट्रक के एक कर्मचारी ने एएनआई को बताया कि हमने 8 जुलाई, 2019 को महाराष्ट्र से यात्रा शुरू की थी। चार राज्यों से होते हुए तिरुवनंतपुरम पहुंचने में एक साल का समय लगा। ट्रक एक दिन में सिर्फ 5 किलोमीटर ही चलता था और इस दौरान किसी भी उन्य वाहन को वहीं से गुजरने की इजाजत नहीं दी जाती थी। साधारण तौर पर एक ट्रक इतनी दूरी कवर करने में 5 से 7 दिन का समय लगता है।                                                     

70 टन वजनी ट्रक के साथ हमेशा 32 स्टाफ के सदस्य रहते थे। इसमें इंजीनियर्स और मैकेनिक्स की टीम थी, जो इसके संचालन का ध्यान रख्ते थे। इसके अलावा ट्रक की सुरक्षा में पुलिस की गाड़ी हमेशा साथ रहती थी। 7.5 मीटर ऊंचाई और 7 मीटर चौड़ाई वाले ट्रक को चलाने के लिए कुछ जगहों पर गड्ढे वाली सड़कों की मरम्मत की गई थी, पेड़ों की कटाई की गई और बिजली के खंभों को हटाया गया।             

बता दें कि मशीन को नासिक में निर्मित किया गया था। कर्मचारियों के अनुसार, मशीन की ऊंचाई के कारण इसे जहाज के माध्यम से नहीं लाया जा सकता था इसलिए इसे सड़क से ही लाना पड़ा। विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर पहुंचने के बाद जल्द ही इसे अंतरिक्ष अनुसंधान परियोजनाओं के लिए चालू कर दिया जाएगा।


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