जर्मनी ने कहा भारत के एनएसजी में पहुंचने से पूरी दुनिया को फायदा
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जर्मनी ने की जोरदार वकालत। कहा है कि इससे अंतरराष्ट्रीय निर्यात को बड़ा फायदा मिलेगा। एनएसजी 48 सदस्य देशों वाला विशिष्ट परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह है।
नई दिल्ली, प्रेट्र : भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता ग्रुप (एनएसजी) में शामिल करने की जोरदार वकालत करते हुए जर्मनी ने कहा है कि इससे अंतरराष्ट्रीय निर्यात को बड़ा फायदा मिलेगा।
जर्मन राजनयिक दल के उप प्रमुख जैस्पर वीएक ने कहा, भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजिम (एमटीसीआर), द वैसेनार अरेंजमेंट और ऑस्ट्रेलिया ग्रुप का सदस्य है। इन तीनों संस्थाओं का संबंध विशिष्ट तकनीक से है। ये तीनों ही संस्थाएं वेपंस ऑफ मास डिस्ट्रक्शन (डब्ल्यूएमडी) पर नजर रखने और उसे नियंत्रित करने वाली हैं। इन तीनों में भारत का प्रदर्शन संतोषजनक है। ऐसे में एनएसजी के लिए भारत को रोका जाना उचित नहीं है।
उल्लेखनीय है कि चीन पिछले कई वर्षो से एनएसजी में प्रवेश से भारत का रास्ता रोक रहा है। उसका कहना है कि भारत पहले नियमानुसार परमाणु अप्रसार संधि पर दस्तखत करे, इसके बाद वह एनएसजी की सदस्यता पाए। एनएसजी 48 सदस्य देशों वाला विशिष्ट परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह है। भारत को ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में यूरेनियम आयात के वास्ते एनएसजी की सदस्यता की दरकार है।
जैस्पर वीएक ने कहा, एनएसजी का सदस्य बनने के भारत के दावे का जर्मनी मजबूती से समर्थन करता है। विशिष्ट तकनीक से जुड़ी सभी चार संस्थाओं में भारत की मौजूदगी से दुनिया को ताकत मिलेगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। जैस्पर ने यह बात विदेश मंत्रालय के भारत-वीजबेडेन सम्मेलन 2018 में कही। इस सम्मेलन का आयोजन विदेश मंत्रालय, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र ने संयुक्त रूप से किया है। इस दो दिवसीय सम्मेलन में 39 देशों के सरकार से जुड़े प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।