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जर्मन बेकरी विस्फोट: हिमायत बेग दोषी करार

मुंबई [जासं]। पुणे स्थित जर्मन बेकरी में 2010 में हुए बम विस्फोट मामले में स्थानीय अदालत ने मुख्य आरोपी मिर्जा हिमायत बेग को दोषी करार दिया है। उसकी सजा का एलान 1

By Edited By: Published: Mon, 15 Apr 2013 08:13 AM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2013 10:07 PM (IST)
जर्मन बेकरी विस्फोट: हिमायत बेग दोषी करार

मुंबई [जासं]। पुणे स्थित जर्मन बेकरी में 2010 में हुए बम विस्फोट मामले में स्थानीय अदालत ने मुख्य आरोपी मिर्जा हिमायत बेग को दोषी करार दिया है। उसकी सजा का एलान 18 अप्रैल को किया जाएगा। महाराष्ट्र एटीएस ने चार दिसंबर 2010 को इस मामले में बेग तथा छह अन्य लोगों जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबू जुंदाल, फैयाज काजगी, यासिन भटकल, इकबाल भटकल, रियाज भटकल और मोहसिन चौधरी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

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एटीएस ने सितंबर 2010 में पुणे के एक बस स्टैंड से बेग को गिरफ्तार किया था। सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एनपी धोते ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मेरे समक्ष जो सुबूत पेश किए गए उनके आधार पर मैं बेग को दोषी ठहराता हूं। बेग को हत्या, हत्या का प्रयास, जालसाजी, धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, भाषा के आधार पर विभिन्न वर्गो में वैमनस्य फैलाने व सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को अंजाम देने, आपराधिक षड्यंत्र के साथ ही गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून और विस्फोटक पदार्थ कानून की विभिन्न धाराओं केतहत दोषी ठहराया गया है।

13 फरवरी, 2010 को पुणे के कोरेगांव पार्क इलाके में स्थित जर्मन बेकरी में शाम को यह विस्फोट हुआ था। यह हमला पुणे में पहला आतंकी हमला था। साथ ही यह, 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमलों के बाद पहला बड़ा आतंकी हमला भी था। विस्फोट में 17 लोग मारे गए थे और करीब 60 लोग घायल हुए थे। मरने वालों में पांच विदेशी नागरिक भी थे। यह बेकरी कोरेगांव पार्क स्थित ओशो आश्रम के नजदीक स्थित है, जहां बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु आते हैं। खासतौर से उन्हें ही निशाना बनाने के लिए इस विस्फोट की योजना इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] ने बनाई थी। आइएम के प्रमुख सदस्य यासीन भटकल, रियाज भटकल, इकबाल भटकल, फैयाज काजगी एवं मोहसिन चौधरी ने श्रीलंका के कोलंबो शहर में हिमायत बेग को बुलाकर इस विस्फोट की योजना बनाई थी। यासीन, इकबाल, रियाज एवं मोहसिन के नाम देश में अब तक हुए कई विस्फोटों में आ चुके हैं। लेकिन इन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। जर्मन बेकरी विस्फोट कांड में भी ये फरार बताए गए हैं। वहीं अबू जुंदाल को पुलिस ने इस मामले में भी अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली शिकागो की अदालत में यह स्वीकार चुका है कि उसने विस्फोट से पहले पुणे जर्मन बेकरी की रेकी की थी। हिमायत बेग की गिरफ्तारी के बाद उसके बीड जिले के उदगीर स्थित घर से पुलिस जांच दल ने 1200 किलोग्राम आरडीएक्सभी बरामद किया था। पुलिस ने इस मामले में वकील सिद्दीकी नामक एक और आरोपी को गिरफ्तार किया था, लेकिन पिछले वर्ष यरवदा जेल में उसकी हत्या कर दी गई थी। हिमायत बेग इंडियन मुजाहिदीन से संबद्ध ऐसा पहला आतंकी है, जिसे किसी मामले में दोषी करार दिया गया है।

फैसले को चुनौती देंगे

अदालत के बाहर बेग के वकील अब्दुल रहमान ने कहा कि वह इस फैसले को उच्च् न्यायालय में चुनौती देंगे। इस मामले में न्याय नहीं हुआ है। धमाकों के समय न तो बेग पुणे में मौजूद था और न ही उसने जर्मन बेकरी में बम रखे थे। मुख्य साजिशकर्ताओं को पकड़ा ही नहीं गया। यहां तक कि अबू जुंदाल को कोर्ट में पेश नहीं किया गया। उन्होंने कहा पुलिस का यह आरोप है कि फैयाज काजगी और मोहसिन चौधरी ने श्रीलंका में साजिश रची थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी पुलिस अधिकारी या जांच अधिकारी यह पता लगाने के लिए श्रीलंका नहीं गया कि साजिश किस जगह पर रची गई थी।

पुणे धमाका लश्कर-आइएम गठजोड़ की पहली कारस्तानी

मुंबई। पुणे का जर्मन बेकरी धमाका लश्कर-ए तैयबा और इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] के गठजोड़ में अंजाम दिया गया पहला आतंकी हमला था। इस मामले में अदालत द्वारा हिमायत बेग को दोषी करार दिए जाने के बाद महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते [एटीएस] ने यह दावा किया है।

महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख राकेश मारिया ने सोमवार को कहा कि लश्कर और आइएम ने भारत में पहली बार साथ मिलकर किसी आतंकी हमले को जर्मन बेकरी धमाके के रूप में अंजाम दिया।' एटीएस प्रमुख ने बताया कि लश्कर और आइएम ने देश में कई बम धमाकों को अंजाम दिया है, लेकिन सिर्फ जर्मन बेकरी मामले में ही अदालत का फैसला आया है। इस फैसले से दोनों आतंकी संगठनों की संलिप्तता साबित हो गई है। उन्होंने बताया कि इस धमाके के अन्य आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है। मारिया के मुताबिक 2006 में औरंगाबाद हथियार बरामदगी मामले में लश्कर आतंकियों के गिरफ्तार होने और 2008 में आइएम के खिलाफ चली कार्रवाई के बाद दोनों आतंकी संगठनों को एक साथ लाने में बेग ने अहम भूमिका निभाई थी। बेग ने 2008 के बाद भटकल बंधुओं से संपर्क साधकर संयुक्त रूप से आतंकी हमले को अमलीजामा पहनाने की साजिश रची।

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