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भारत-पाक संघर्ष विराम ने शांति लाने में दिया योगदान, आतंकवाद के खिलाफ जारी रहेगी लड़ाई: जनरल एमएम नरवणे

सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि तीन महीने पहले जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारत और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच हुए संघर्ष विराम ने शांति और सुरक्षा की भावना में योगदान दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 07:53 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 07:53 PM (IST)
भारत-पाक संघर्ष विराम ने शांति लाने में दिया योगदान, आतंकवाद के खिलाफ जारी रहेगी लड़ाई: जनरल एमएम नरवणे
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है

नई दिल्ली, प्रेट्र। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि तीन महीने पहले जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारत और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच हुए संघर्ष विराम ने शांति और सुरक्षा की भावना में योगदान दिया है। उन्होंने इसे दोनों देशों के संबंधों को सामान्य बनाने के लंबे रास्ते का पहला कदम करार दिया। एक विस्तृत साक्षात्कार में नरवणे ने इसके साथ ही यह भी कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई रुक गई है। यह मानने का कोई कारण नहीं है कि नियंत्रण रेखा से जुड़े आतंकी ढांचों को पाकिस्तानी सेना ने ध्वस्त कर दिया है।

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सेना प्रमुख ने कहा, संबंधों को सामान्य बनाने के लंबे रास्ते का यह पहला कदम

उन्होंने कहा, घुसपैठ के प्रयासों और जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी का रास्ता बहुत लंबा है, जिससे भारत आश्वस्त हो सके कि पाकिस्तान अच्छे पड़ोसी की तरह रहना चाहता है। उन्होंने कहा, संघर्ष विराम समझौते के पालन से क्षेत्र में निश्चित रूप से शांति और सुरक्षा की भावना आई है। भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर और अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम संबंधी सभी समझौतों का पालन करने पर 25 फरवरी को सहमति जताई थी।

इसका मतलब यह नहीं है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई रुक गई

अफगानिस्तान से 11 सितंबर तक अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने संबंधी अमेरिकी प्रशासन के फैसले का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा, चाहे उनकी अक्षमता हो या अनिच्छा, दोनों समान रूप से खतरनाक और चिंताजनक हैं। संघर्ष विराम का जिक्र करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि समझौता लागू होने के बाद दोनों सेनाओं द्वारा सीमा पार से गोलाबारी की एक भी घटना नहीं हुई, हालांकि जम्मू सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजरों से जुड़ी एक घटना हुई थी। उन्होंने कहा, इस साल हमने जम्मू और कश्मीर में हिंसा के स्तर में भारी कमी देखी है। सुरक्षा बल और अन्य सरकारी एजेंसियां आतंकी समूहों पर दबाव बनाए रखने पर काम कर रही हैं।


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