शादी रजिस्टर कराने को हाई कोर्ट पहुंचा समलैंगिक जोड़ा, स्पेशल मैरिज एक्ट पर भी उठाए सवाल
याचिका के मुताबिक इस जोड़े में एक व्यवसायी है तो एक आइटी प्रोफेशनल। पहली बार इन दोनों की मुलाकात 2018 में हुई थी।
कोच्चि, प्रेट्र। केरल के एक समलैंगिक जोड़े ने शादी रजिस्टर कराने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जोड़े ने शादी रजिस्टर कराने के रास्ते में रोड़ा बन रहे विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के कुछ प्रावधानों को रद करने की मांग की है।
केरल हाई कोर्ट ने सोमवार को समलैंगिक जोड़े की रिट याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने राज्य के साथ ही केंद्र सरकार से भी इस मामले पर जवाब मांगा है।
याचिका के मुताबिक इस जोड़े में एक व्यवसायी है तो एक आइटी प्रोफेशनल। पहली बार इन दोनों की मुलाकात 2018 में हुई थी। उसके बाद इनकी मुलाकात बढ़ती गई और ये दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे।
निजी समारोह में दोनों ने की थी शादी
दोनों ने लगभग दो महीने तक साथ रहने के बाद शादी करने का फैसला किया और पिछले साल सितंबर में इन्होंने निजी समारोह में शादी कर ली। लेकिन इनकी शादी को धार्मिक मान्यता नहीं मिली। इसके बाद इन्होंने विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत अपनी शादी को रजिस्टर कराने का निर्णय किया। लेकिन यह कानून भी समलैंगिक शादी को मान्यता नहीं देता।
समलैंगिक जोड़ों के मौलिक अधिकारों का हनन
इनका दावा है कि इस कानून के प्रावधान सिर्फ विपरीत लिंग वाले जोड़े की शादी को ही मान्यता प्रदान करते हैं, उनके जैसे समलैंगिक जोड़े की नहीं। यह उनके मौलिक अधिकारों का हनन है, इसलिए इसके प्रावधान गैरकानूनी और असंवैधानिक हैं।
अदालत से उनकी शादी को रजिस्टर कराने की गुहार लगाते हुए समलैंगिक जोड़े ने कहा है कि उनकी शादी की बात सार्वजनिक होने के बाद से उन्हें लोगों से अपमान सहना पड़ रहा है। जोड़े ने यह भी कहा है कि लोगों से ज्यादा उन्हें कानून से अपमानित होना पड़ा है, जो उनकी शादी को मान्यता नहीं देता। इसके चलते उन्हें मानसिक पीड़ा और परेशानी से गुजरना पड़ रहा है।