VIDEO: गांधी जी ने कहा था- हमारे हाथों में है देश को स्वच्छ करना...
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रेरणा लेकर पीएम मोदी ने स्वच्छता को एक मिशन के रूप में अपनी सरकार का मुख्य मकसद बनाया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। स्वच्छता ही सेवा है। यह सिर्फ हम नहीं कह रहे। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यही मानना है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रेरणा लेकर पीएम मोदी ने स्वच्छता को एक मिशन के रूप में अपनी सरकार का मुख्य मकसद बनाया है। स्वच्छता मेरे, आपके या किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं होती। स्वच्छता कभी एक व्यक्ति से जुड़ी नहीं रहती, इसका तो स्वभाव ही सार्वभौमिक और सर्वजन के लिए है। स्वच्छता के प्रति गांधी जी का आग्रह आज से करीब 80-100 साल पहले जैसा था वह दर्शनीय था। स्वच्छता उनके लिए सिर्फ उस स्थान की साफ-सफाई नहीं थी जहां वे रहते थे, बल्कि स्वच्छता से उनका आशय पूर्ण स्वच्छता से था। स्वच्छता से उनका आशय बीमारियों, व्याधियों, दुराग्रहों और परतंत्र से भी आजादी का भाव था। इसमें आचरण की स्वच्छता भी महत्वपूर्ण थी।
देश में स्वच्छता को लेकर चल रहे महाअभियान पर यदि आज गांधी जी संदेश दे रहे होते तो क्या कहते? ये सुनना उत्साहवर्धक होता, इसी कल्पना से प्रेरित होकर दैनिक जागरण ने सभी देशवासियों के लिए गांधी जी के 180 भाषणों से शब्दों को चुना और फिर उसको संपादित कर संकलित किया। आइए आपको सुनाते हैं, गांधी जी का ये संदेश...!
गौरतलब है कि ओबामा से लेकर नेल्सन मंडेला जैसी दुनिया की तमाम हस्तियों के प्रेरणास्रोत रहे युगद्रष्टा और राष्ट्रपिता गांधीजी की आज 149वीं जयंती है। सार्वजनिक रूप से हम सब उनके बताए रास्तों पर चलने और उनकी कही बातों को मानने का संकल्प करते हैं, लेकिन जहां बात व्यक्तिगत रूप से आती है, वहीं हम पीछे हट जाते हैं। चाहे बात सच्चाई की हो, अहिंसा की हो या साफ-सफाई की। पर्यावरण, जीवनशैली, समानता आदि मामलों में उनकी कही बातें आज अक्षरश: सही साबित हो रही हैं। लोग संजीदा हुए हैं, लेकिन अभी भी उनकी तमाम बातें हम अनसुनी कर रहे हैं। गांधीजी दो तरह की सफाई के हिमायती थे। बाहरी और आंतरिक। बाहरी साफ-सफाई को लेकर मोदी सरकार भी मुहिम छेड़े हुए है।