तीन लाख करोड़ की नई राजमार्ग परियोजनाएं शीघ्र : गडकरी
सरकार जल्द ही तीन लाख करोड़ रुपये लागत की 500 राजमार्ग परियोजनाओं के टेंडर जारी करेगी। इस बात का एलान केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं 1.8 लाख करोड़ की उन अटकी सड़क परियोजनाओं के अतिरिक्त हैं, जिनकी रुकावटों को दूर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार जल्द ही तीन लाख करोड़ रुपये लागत की 500 राजमार्ग परियोजनाओं के टेंडर जारी करेगी। इस बात का एलान केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं 1.8 लाख करोड़ की उन अटकी सड़क परियोजनाओं के अतिरिक्त हैं, जिनकी रुकावटों को दूर कर निर्माण का रास्ता साफ किया जा चुका है। बाकी बची एक लाख करोड़ की फंसी परियोजनाओं की बाधाओं को भी शीघ्र दूर किया जाएगा।
इंडो अमेरिका चैंबर आफ कामर्स की ओर से आयोजित इन्फ्रास्ट्रक्चर समिट में उन्होंने कहा कि तीन लाख करोड़ रुपये की प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण, वन व अन्य मंजूरियों की प्रक्रियाएं चल रही हैं। इनकी प्रगति पर नजर रखने के लिए मंत्रालय में विस्तृत परियोजना रिपोर्टे (डीपीआर) तैयार करने का एक प्रकोष्ठ बनाया गया है।
सड़क निर्माण में सुस्ती के लिए पिछली संप्रग सरकार को दोषी ठहराते हुए गडकरी ने कहा कि गलत नीतियों के कारण सड़क निर्माण क्षेत्र के लिए पिछला दशक बहुत बुरा साबित हुआ। परंतु अब सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि नियामक व भूमि अधिग्रहण की अड़चनों के कारण अटकी दो लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं में से 1.8 लाख करोड़ की परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है।
बाकी एक लाख करोड़ के प्रोजेक्ट में से आधे कांट्रैक्टर परियोजनाएं छोड़ना चाहते हैं। परंतु हम ऐसा नहीं होने देना चाहते। लिहाजा हमने कंसेशन एग्रीमेंट के प्रारूप में संशोधन का फैसला किया है। जल्द ही एग्रीमेंट का एक न्यायसंगत मॉडल विकसित किया जाएगा। कंक्रीट सड़कों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, जबकि निर्माण लागत घटाने के लिए लौह अयस्क कचरे के इस्तेमाल पर भी विचार हो रहा है। इससे दो साल में रोजाना 30 किलोमीटर सड़कें बनने लगेंगी व अर्थव्यवस्था में दो फीसद का योगदान होगा।
इलेक्ट्रानिक टोल प्रणाली की चर्चा करते हुए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री ने कहा कि अगले कुछ साल में यह प्रणाली पूरे देश में लागू की जाएगी। इससे 60 हजार करोड़ रुपये के ईंधन समेत कुल 86 हजार करोड़ रुपये की सालाना बचत होगी।
गडकरी ने जल परिवहन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार इसे सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। जल्द ही संसद में एक विधेयक पेश किया जाएगा, जिससे शिपिंग मंत्रालय को देश की किसी भी नदी को जलमार्ग में बदलने का अधिकार प्राप्त हो जाएगा। उन्होंने राज्यों के सहयोग से देश में वाटरपोर्ट, सीपोर्ट व बसपोर्ट का विकास किए जाने की बात भी कही।