जहां कांग्रेस ने उतारा था गब्बर सिंह वहां पार्टी का खाता भी नहीं खुला
भाजपा समर्थक यह कहकर चुटकी ले रहे हैं कि कांग्रेस का वही हश्र हुआ जो उसके गब्बर सिंह का हुआ था।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली: कांग्रेस ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताकर वैसे तो पूरे गुजरात में भाजपा के खिलाफ मुहिम छेड़ी थी, लेकिन इस मुहिम का केंद्र बिंदु व्यापारियों का गढ़ सूरत था। सूरत के व्यापारी बहुल इलाके में कांग्रेसी नेताओं ने जीएसटी विरोध को धार देने के लिए तमाम रथ यात्राओं के साथ फिल्म शोले के पात्रों और खासतौर पर गब्बर सिंह, सांभा कालिया और ठाकुर बलदेव सिंह को जुलूस की शक्ल मे उतारा था।
Congratulations to all candidates in Surat for winning 12/12 seats! The people of Gujarat have rejected those who tried to divide us in the name of caste! The vision of Shri @narendramodi ji & Shri @amitshah ji will march ahead! #BJPWinsGujarat #GujaratVerdict pic.twitter.com/JOeQnkWEis
— Darshana Jardosh (@DarshanaJardosh) December 18, 2017
इस जुलूस में ठाकुर बलदेव सिंह व्यापारियों को कथित तौर पर परेशान करने वाले गब्बर सिंह(जीएसटी) को गिरफ्तार कर ले जाते हुए नजर आए थे, लेकिन चुनाव परिणाम इस चुनावी तमाशे को पूरी तौर पर खारिज करने वाले रहे। सूरत शहर की सभी 12 की 12 सीटें भाजपा के खाते में गई हैं। अब भाजपा समर्थक यह कहकर चुटकी ले रहे हैं कि कांग्रेस का वही हश्र हुआ जो उसके गब्बर सिंह का हुआ था। ज्ञात हो कि उक्त जुलूस को बिना इजाजत निकालने के आरोप में पुलिस ने सांभा, कालिया के भेष में उतरे लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि गब्बर सिंह चकमा देकर फरार हो गया था।
सूरत में भाजपा का न केवल वोट 2 प्रतिशत बढ़ा है, बल्कि यहां की माजुरा सीट से भाजपा के युवा प्रत्याशी हर्ष संघवी करीब 50 हजार से जीत हासिल करने में सफल रहे। एक अन्य सीट कंरज से भाजपा उम्मीदवार ने 30 हजार के अंतर से जीत हासिल की। सूरत की तरह अन्य बड़ शहरों में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस का प्रदर्शन फीका रहा। शहरी इलाकों का चुनाव नतीजा साफ कहा रहा है कि भले ही व्यापारी जीएसटी से नाराज रहे हों, लेकिन उनकी यह नाराजगी भाजपा विरोध में तब्दील नहीं हो सकी। कांग्रेस तमाम कोशिश के बाद भी जीएसटी को भुना नहीं सकी।
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