पवार की नजर में कांग्रेस का भविष्य अनिश्चित
वरिष्ठ राजनेता शरद पवार की नजर में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का भविष्य अनिश्चितता के भंवर में फंसा हुआ है। पूरी पार्टी की राजनीति के सिर्फ राहुल गांधी के इर्दगिर्द घूमने को वह स्वस्थ संकेत नहीं मानते हैं।
नई दिल्ली। वरिष्ठ राजनेता शरद पवार की नजर में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का भविष्य अनिश्चितता के भंवर में फंसा हुआ है। पूरी पार्टी की राजनीति के सिर्फ राहुल गांधी के इर्दगिर्द घूमने को वह स्वस्थ संकेत नहीं मानते हैं। राकांपा प्रमुख का कहना है कि वर्तमान में चीजें जैसी चलती दिख रही हैं, उससे राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का मजबूत विकल्प बनना कांग्रेस के लिए बेहद मुश्किल लग रहा है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख ने अपनी आत्मकथा 'आन माई टर्म्स' में समकालीन राजनीति पर गहराई से प्रकाश डाला है। इसमें उन्होंने कहा है कि तमाम मतभेदों के बावजूद वह आज भी खुद को दिल से कांग्रेसी मानते हैं। इस पार्टी से उनका भावनात्मक लगाव अभी भी बेहद गहरा है।
पवार के अनुसार, 'यही कारण है कि हाल के वर्षो में कांग्रेस में आई गिरावट से मैं उदास हूं।' अपनी आत्मकथा में उन्होंने कहा, 'वैसे तो राहुल गांधी कांग्रेस को उबारने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन मुझे पार्टी का भविष्य अनिश्चित दिखाई देता है।' कांग्रेस आलाकमान को सलाह देने के अंदाज में शरद पवार ने कहा, 'अगर राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का मजबूत विकल्प बनना है तो इसके लिए कांग्रेस के पास क्षेत्रीय व छोटे दलों की मदद लेना ही एकमात्र विकल्प है।' राकांपा नेता के मुताबिक, 'लेकिन इसके लिए भी कांग्रेस को अपना दिल बड़ा करना होगा।
भावी सहयोगियों में वैसा ही विश्वास जगाना होगा, जैसा अटल बिहारी वाजपेयी ने किया। इसके लिए वह मनमोहन सिंह को उपयुक्त पात्र मानते हैं।' राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता की चर्चा करते हुए पवार का कहना है, 'वह अभी युवा हैं। अपनी काबलियत साबित करने के लिए उन्हें और वक्त दिया जाना चाहिए।' अपनी आत्मकथा में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया है। बकौल पवार, 'मोदी की कार्यशैली से कई समस्याएं खड़ी हुई हैं। गुजरात चलाने और देश चलाने में काफी फर्क है। इस अंतर को समझना चाहिए।'