भारत की दुनिया से अपील, आतंकियों के नाम पर न हो मतभेद
विदेश संचिव एस जयशंकर ने आतंकवाद पर भारत की नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि कोई भी देश आतंकियों के नाम और संगठन के आधार पर भेद नहीं कर सकता है।
नई दिल्ली। विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा है कि आतंकवाद के मुद्दे पर कोई भी देश अपनी जिम्मेदारी से यह कहकर बच नहीं सकता कि आपराधिक प्रवृत्ति के तत्व इस तरह का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकी संगठनों के नाम और चेहरों पर मतभेद नहीं होना चाहिए, आज के माहौल में आतंकवाद ही सबसे बड़ा मुद्दा है।
चीन मसले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत में यह एक सामान्य धारणा है कि अगर विवाद न हो तो चीन के साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए। विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि भारत और चीन के बीच दुश्मनी जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ हम अलग-थलग रहकर लड़ाई नहीं लड़ सकते हैं। पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आतंक के मुद्दे पर कोई दोहरा मानदंड नहीं हो सकता है।
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इसस पहले सिंगापुर में हुए पहले हिंद महासागर सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर विदेश सचिव ने कहा था कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ आर्थिक और सुरक्षा संबंधों का हिमायती है तथा इन संबंधों को विस्तार देने के लिए इंडियन ओशन एसोशियसन के निर्माण को लेकर प्रतिबद्ध है।
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