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कल जब आप मना रहे होंगे वीकेंड तो आपकी जेब पर असर डालना शुरू कर देंगे ये बदलाव, जानिए

ब्याज पर होने वाली आय पर 50,000 रुपये सालाना तक छूट मिलेगी जो अभी 10,000 रुपये है। अब आयकर दाताओं को कर योग्य आय में 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा।

By Manoj YadavEdited By: Published: Sat, 31 Mar 2018 11:23 AM (IST)Updated: Sat, 31 Mar 2018 12:26 PM (IST)
कल जब आप मना रहे होंगे वीकेंड तो आपकी जेब पर असर डालना शुरू कर देंगे ये बदलाव, जानिए
कल जब आप मना रहे होंगे वीकेंड तो आपकी जेब पर असर डालना शुरू कर देंगे ये बदलाव, जानिए

नई दिल्ली, प्रेट्र। रविवार को जब आप वीकेंड मना रहे होंगे, ठीक उसी वक्त टैक्स से जुड़े कई ऐसे बदलाव हो चुके होंगे, क्योंकि 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो जाएगा और उन बदलावों का आपकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा। पहली फरवरी को आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कई बदलावों की घोषणा की थी। सीधे आम जनता से जुड़े ऐसे ही कुछ बदलावों पर नजर डालते हैं।

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40,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन

अब आयकर दाताओं को कर योग्य आय में 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। इसके बदले 19,200 रुपये के परिवहन भत्ते व 15,000 रुपये के मेडिकल खर्च पर मिल रही छूट हटाई गई है।

आयकर पर सेस बढ़ा

आयकर पर शिक्षा और स्वास्थ्य के मद में लगने वाले सेस को तीन फीसद से बढ़ाकर चार फीसद किया गया है। सुपर रिच (अति धनवान) लोगों पर 10-15 फीसद का सरचार्ज यथावत रहेगा।

वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा फायदा

ब्याज पर होने वाली आय पर 50,000 रुपये सालाना तक छूट मिलेगी जो अभी 10,000 रुपये है। 80-डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम व मेडिकल खर्च पर मिलने वाली छूट भी 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये हो गई है। गंभीर बीमारी में वरिष्ठ व अति वरिष्ठ नागरिकों को छूट बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है जो अभी क्रमश: 60,000 व 80,000 रुपये है।

अब लगेगा लांग टर्म कपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स

सरकार ने 14 साल बाद फिर एलटीसीजी टैक्स लागू कर दिया है। एक साल से पुराने शेयरों की बिक्री से एक लाख से ऊपर की कमाई पर 10 फीसद का टैक्स लगेगा।

कॉरपोरेट टैक्स में मिलेगी राहत

बजट में 250 करोड़ तक के टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स 25 फीसद कर दिया गया है। इस दायरे में 99 फीसद कंपनियां आती हैं। 2015 के बजट में वित्त मंत्री ने अगले चार साल में कॉरपोरेट टक्स 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद करने का वादा किया था।

ई-वे बिल

दूसरे राज्य में 50,000 रुपये से ज्यादा के माल परिवहन के लिए ई-वे बिल अनिवार्य होगा। राज्य के भीतर यह व्यवस्था 15 से चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी।

एमसीएलआर से जुड़ जाएंगे घर-कार जैसे लोन

एक से बेस रेट आधारित लोन की पुरानी व्यवस्था एमसीएलआर से जुड़ जाएगी। बैंक अपने एमसीएलआर में मासिक आधार बदलाव करते हैं। अब सभी ग्राहकों को इन बदलाव का लाभ मिलेगा।

यहां भी मिलेगी राहत :

बीमा नियामक इरडा ने निजी वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के प्रीमियम में कटौती की है जो पहली से लागू होंगे।


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