असम के पांच जिले फिर भारी बाढ़ की चपेट में, हजारों लोग प्रभावित
इस साल असम के लोग तीसरी बार आए बाढ़ से उबरे नहीं थे कि एक बार फिर वो इस प्राकृतिक आपदा का शिकार हो गए हैं।
नई दिल्ली। इस साल पूर्वोत्तर के लोगों को कई बार बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा है। असम के पांच जिले तो फिर से इसकी चपेट में आ गए हैं। रविवार को आए बाढ़ के कारण हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, धेमाजी, लखीमपुर, सोनितपुर, मोरीगांव और नगांव जिलों में करीब 72 हजार लोगों पर बाढ़ का असर पड़ा है।
वहीं फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने और राहत सामग्रियों के वितरण के लिए जगह-जगह बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, एनडीआरएफ ने बताया कि लगातार बारिश और जराशर नदी में जल का स्तर बढ़ने के कारण सोनितपुर जिले में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। एनडीआरएफ की पहली बटालियन ने यहां के विभिन्न गांवों में फंसे 753 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बारपेटा, धुबरी, कटार, सोनितपुर और कामरूप जिलों में एनडीआरएफ की आठ टीमों को तैनात किया गया है।
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पहले ही राज्य के जल संसाधन मंत्री केशव महंत को प्रभावित इलाकों का दौरा करने और नुकसान एवं राहत व बचाव कार्यों का जायजा लेने का निर्देश दे दिया है। फिलहाल पांच जिलों में 21 राहत कैंप लगाए गए हैं, जहां करीब 100 लोग पहुंचे हैं। एएसडीएमए ने यह भी बताया कि राज्य में ब्रह्मपुत्र और इसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
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