जानें, कैसे प्रदूषण के नाम पर चांदी काट रही कुछ कंपनियां, बोतल में बिक रही ताजी हवा
स्वच्छ हवा बेचने का कारोबार चीन के बीजिंग से शुरू हुआ था और अब यह चीन, भारत के अलावा अफगानिस्तान और ईरान में भी फल-फूल रहा है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। देश और दुनिया में बढ़ता प्रदूषण हर किसी के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। आलम ये है कि इसकी वजह से हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। चीन का आलम ये है कि प्रदुषण को देखते हुए वहां के राजधानी बीजिंग समेत 79 शहरों में अलर्ट तक जारी कर दिया गया है। ऐसा ही कुछ हाल हमारे देश की राजधानी दिल्ली का भी है। दूसरी तरफ यही प्रदूषण कुछ कंपनियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। कंपनियां अब ताजी और साफ हवा के नाम पर एयर प्यूरिफायर ला रही हैं। इनकी ब्रिकी चीन के बाद अब दिल्ली जैसे शहरों में भी धड़ल्ले से हो रही है। वहीं विदेशों में कुछ जगहों पर टेलीफोन बूथ नुमा साफ हवा लेने के लिए बूथ बनाए गए हैं। यहां पर कीमत चुका कर कुछ समय के लिए साफ हवा में सांस ले सकते हैं। इसके अलावा अब बोतल में बंद ताजी और साफ हवा भी बाजार में आ गई है।
कीमत चुका कर अब लो ताजी हवा
जी हां, ताजी हवा ले लो...ताजी हवा ले लो कहते फेरी लगाता कोई आदमी आपके आसपास से गुजरे तो चौंकिएगा नहीं। वैज्ञानिकों की वह चेतावनी अब सामने दिखने लगी है जिसमें उन्होंने कहा था कि आबोहवा को बचाकर रखो, वर्ना पैसे चुकाकर इन मुफ्त प्राकृतिक संसाधनों को खरीदना पड़ेगा। दिल्ली और देश के अन्य शहरों में वायु की खराब गुणवत्ता को देखते हुए भारतीय सहित कई विदेशी कंपनियां ऑनलाइन पहाड़ों की ताजी हवा बेच रही हैं। बोतलबंद इस हवा को खरीदने के लिए आपको हजारों रुपये खर्च करने होंगे।
ये कंपनियां कर रहीं कारोबार
भारतीय कंपनी प्योर हिमालयन एयर 10 लीटर हवा ऑनलाइन 550 रुपये में बेच रही है। जिससे आप 160 बार हवा ले सकते हैं। दूसरी ओर विदेशी कंपनियां भी ऑनलाइन ताजा-साफ हवा बेच रही हैं। ऑस्ट्रेलिया की कंपनी अजेयर ने भारत में दो साइज में अपने हवा की बोतलों को लांच किया है। 7.5 लीटर की बोतल की कीमत 1500 रुपये है तो 15 लीटर वाली बोतल की कीमत 2000 रुपये है। वहीं कनाडा की कंपनी वाइटालिटी एयर भी स्वच्छ हवा बेचने का कारोबार कर रही है। अमेजन पर आप आसानी से 8 लीटर वाइटालिटी एयर की बोतल 1200 रुपये में खरीद सकते हैं।
ऐसे हुई शुरुआत
स्वच्छ हवा बेचने का कारोबार चीन के बीजिंग से शुरू हुआ था और अब यह चीन, भारत के अलावा अफगानिस्तान और ईरान में भी फल-फूल रहा है। जारों में कैद की जाती है हवा ताजी हवा बेचने वाली कंपनियां पहाड़ के दूरदराज इलाकों से हवा को जार में भरते हैं और फिर उसे भारत सहित अन्य जगहों पर बेचते हैं।
जानलेवा साबित हो रहा प्रदूषण
दिनों दिन बढ़ता वायु प्रदूषण हमारे लिए जानलेवा साबित हो रहा है। वाहनों और कारखानों से निकलने वाले धुएं और सर्दी के दिन में स्मॉग के कारण सांस की तकलीफ आम बात हो गई है। ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों के सांस संबंधी बीमारियों से प्रभावित होने की अधिक आशंका रहती है। वायु प्रदूषण और स्मॉग की समस्या के कारण हमें सिरदर्द का होना, आलस का होना, चिड़चिड़ापन, भूख का न लगना आदि लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं। इसके अलावा इस समय अस्थमा के रोगियों की संख्या भी बढ़ जाती है। ऐसे में हम आज बात करेंगे वायु प्रदूषण और स्मॉग से राहत पाने के लिए कुछ आसान आयुर्वेदिक उपायों के बारे में।
- एयर पॉल्यूशन और स्मॉग से बचने के लिए हमें अपने घरों में ऐसे प्लांट लगाने चाहिए जो कि हवा को शुद्ध करें। जैसे कि सिंगोनियम, स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट, ड्रैगन ट्री, बम्बू पाम, तुलसी और एलोवेरा प्लांट।
- इसके अलावा हम अपने घरों की खिड़की या दरवाज़ों पर खस के टाट या खस-खस के परदे भी लगा सकते हैं।
- धूपन का भी प्रयोग कर सकते हैं। धूपन के लिए जो हम आयुर्वेदिक औषिधियां प्रयोग करेंगे उसमें हैं- गुग्गुल, राल, देवदारु, अतिविषा, नागरमोथा, हरीतकी, हरिद्रा, ऐला, तेजपत्र, सफ़ेद सरसों, राई, कूट, लाख, चन्दन, नीम आदि का प्रयोग कर सकते हैं।
- इसमें हम हवन भी कर सकते हैं। हवन के लिए हम जो लकड़ियां इस्तेमाल करेंगे, उसमें हम आम, पीपल, बरगद और चंदन की लकड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- हम अलग-अलग तरह के फल, घी, मधु, गुड़, कपूर, लौन्ग, जटामांसी और ब्राह्मी आदि का प्रयोग यज्ञ के लिए करते हैं। यज्ञ के ऊपर बहुत सारे वैज्ञानिक शोध हुए हैं, इसमें पाया गया है कि यज्ञ करने के एक घंटे के बाद में 90 % से ज़्यादा जीवाणु नष्ट हो जाते हैं और हवा की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
- इसमें हम नस्यम का प्रयोग भी कर सकते हैं। नस्यम की लिए गाय की घी की दो-दो बूंद हम एक नथुने में डालेंगे, जिससे कि जो सस्पेंडेड पार्टिकल हैं वो भी निकल जाएंगे और चिकनापन बढ़ जाएगा।