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मध्य प्रदेश: बोरवेल में फंसे मासूम ने माता-पिता से की बात, मांगा समोसा

ग्राम कांजीपुरा का रोशन पुत्र भीमसिंह शनिवार सुबह करीब 11 बजे हीरालाल जाट के खेत स्थित 40 फीट गहरे खुले बोरवेल में गिर गया था।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sun, 11 Mar 2018 10:02 PM (IST)Updated: Mon, 12 Mar 2018 07:23 AM (IST)
मध्य प्रदेश: बोरवेल में फंसे मासूम ने माता-पिता से की बात, मांगा समोसा
मध्य प्रदेश: बोरवेल में फंसे मासूम ने माता-पिता से की बात, मांगा समोसा

नईदुनिया, खातेगांव (देवास)। मप्र के देवास जिले के गांव उमरिया में शनिवार को बोरिंग में गिरे चार साल के मासूम रोशन को 33 घंटे बाद भी रविवार शाम सात बजे तक निकाला नहीं जा सका था। बोरवेल के पास ही समानांतर गढ्डा शनिवार से किया जा रहा है, लेकिन लगातार पथरीला हिस्सा आने से खोदाई में परेशानी आ रही है। अलबत्ता, बच्चा सुरक्षित है और हर आधे घंटे में उसे पानी और दूध दिया जा रहा है। रविवार दोपहर मां ने रोशन से बात की तो वह बोला- जल्दी बाहर निकालो और पिता से कहा- समोसा खाऊंगा।

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ग्राम कांजीपुरा का रोशन पुत्र भीमसिंह शनिवार सुबह करीब 11 बजे हीरालाल जाट के खेत स्थित 40 फीट गहरे खुले बोरवेल में गिर गया था, जो कि 27 फीट की गहराई में अटका हुआ है। शनिवार दिन और रातभर समानांतर गड्ढा खोदने का काम किया गया। रविवार सुबह करीब 10 बजे पथरीली चट्टानों को देखते हुए सेना और प्रशासन के बीच ब्लास्ट कर पत्थर की चट्टान तोड़ने पर चर्चा हुई। निष्कर्ष निकला कि ब्लास्ट करने से बच्चे को दिक्कत हो सकती है, इसलिए उसे अंतिम विकल्प रखा जाए।

इसके बाद पोकलेन से ही खोदाई जारी रखी गई। रविवार शाम चार बजे तक करीब 38 फीट खोदाई करने के बाद अफसरों ने सुरंग का काम शुरू करने का निर्णय लिया। इसके बाद सात फीट में से दो फीट खोदाई पोकलेन मशीन से की गई। पांच बजे सेना व एसडीईआरएफ के जवान गढ्डे में उतरे और कटर मशीन से पत्थर काटकर सुरंग बनाना शुरू किया, लेकिन ज्यादा देर सफल नहीं हो सके। शाम छह बजे से फिर पोकलेन से सुरंग का काम शुरू किया। करीब आधा घंटा पोकलेन से खोदाई करने के बाद फिर से सेना के जवान गड्ढे में उतरे और कटर मशीन से पत्थर काटना शुरू किया। शाम साढ़े सात बजे तक काम जारी था।


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