छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सली फायरिंग में CAF के हेड कांस्टेबल समेत चार घायल
घायलों ने बताया कि नक्सलियों के द्वारा पहाड़ियों की टेकरी में पोजीशन लेकर सुबह ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। जिससे कुछ समझने का मौका ही नहीं मिल पाया।
नारायणपुर, जेएनएन। जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर अमदई घाटी में बुधवार की सुबह पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड में सीएएफ के हेड कांस्टेबल अनंत भगत, आरक्षक कडती काम्या, हाइवा ड्राइवर संजीत शील और पोकलेन ड्राइवर अरुण कुमार साहू घायल हो गए हैं। प्रधान आरक्षक के दाएं कंधे और सीने में गोली लगी है। वहीं आरक्षक कडती के कलाई में गोली लगी है। जिसे बेहतर इलाज के लिए छोटेडोंगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया है। दोनों वाहन चालक गोलीबारी के दौरान भगदड़ में पत्थरों से टकराकर घायल हुए हैं। प्रधान आरक्षक अनंत भगत जशपुर के रहने वाले हैं। वे छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के 9वीं बटालियन में पदस्थ हैं।
घायलों ने बताया कि नक्सलियों के द्वारा पहाड़ियों की टेकरी में पोजीशन लेकर सुबह ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। जिससे कुछ समझने का मौका ही नहीं मिल पाया। जैसे तैसे जान बचाकर वह निकलने में कामयाब हुए हैं। घटना की पुष्टि एसपी मोहित गर्ग ने की है।
नक्सलियों की फायरिंग के बाद 15 मिनट तक हुई मुठभेड़
दैनिक जागरण के सहयोगी अखबार नईदुनिया से चर्चा में एसपी ने बताया कि सुबह पार्टी निकली थी जिस पर घात लगाए नक्सलियों के द्वारा फायरिंग किया गया। करीब 15 मिनट तक मुठभेड़ होने के बाद पुलिस को भारी पड़ता देखकर नक्सली भाग खड़े हुए। उन्होंने बताया कि नारायणपुर के आमदई घाट में निक्को जायसवाल कंपनी द्वारा लौह अयस्क निकालने के लिए रास्ता तैयार किया जा रहा है।
माइंस खोदने का किया जा रहा है विरोध
फोर्स की गश्त अभियान इलाके में जारी है। मालूम हो कि नक्सलियों द्वारा माइंस खोदने का विरोध किया जा रहा है। माइंस एरिया को कवर करने के लिए घाटी में कैम्प भी खोला गया है। कैम्प के करीब चार किमी दूर माइंस एरिया में नक्सली मुठभेड़ हुआ है। पूर्व में नक्सलियों के द्वारा हमला करके कई वाहनों को आग के हवाले किया जा चुका है। दो लोगों की हत्या भी की जा चुकी है।