ड्रोन कैमरे से गंगा आरती शूट करते चार संदिग्ध पकड़े
बिना अनुमति के अतिसंवेदनशील दशाश्वमेध घाट पर बृहस्पतिवार देर शाम गंगा आरती की ड्रोन कैमरे [कैमकॉप्टर] से शूटिंग करते चार संदिग्ध लोग पकड़े गए। उनसे पुलिस व खुफिया एजेंसी के लोग पूछताछ कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी घाट पर गंगा आरती की थी।
वाराणसी [जासं]। बिना अनुमति के अतिसंवेदनशील दशाश्वमेध घाट पर बृहस्पतिवार देर शाम गंगा आरती की ड्रोन कैमरे [कैमकॉप्टर] से शूटिंग करते चार संदिग्ध लोग पकड़े गए। उनसे पुलिस व खुफिया एजेंसी के लोग पूछताछ कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी घाट पर गंगा आरती की थी।
शाम करीब सात बजे गंगा आरती के दौरान कुछ लोग ड्रोन कैमरा उड़ा रहे थे। इस पर स्थानीय अभिसूचना इकाई के लोगों को संदेह हुआ। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके से चंडीगढ़ के संदीप, विपुल व दिल्ली के सतीश व तीर्थकर को हिरासत में ले लिया। उनके पास से सफेद रंग के ड्रोन कैमरा समेत दो वाकीटाकी, तीन मोबाइल फोन आदि बरामद किए गए।
सभी ने खुद को ट्रैवल चैनल के लिए काम करने की जानकारी दी। उनका कहना था कि चैनल के लिए इलाहाबाद, बनारस, आगरा, शिमला, मनाली आदि शहरों में वृत्त चित्र का फिल्मांकन कर रहे हैं। उनकी टीम में 12 विदेशी भी शामिल हैं, जो अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया के हैं। उन्होंने छह जुलाई को इलाहाबाद में आनंद भवन की शूटिंग की है। विदेशी छावनी क्षेत्र स्थित होटल व कुछ लोग दशाश्वमेध स्थित होटल में ठहरे हैं। पुलिस को वे कोई अनुमति पत्र नहीं दिखा सके।
पुलिस का कहना था कि इस घाट पर आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं, इसलिए इस प्रकार की शूटिंग के लिए अनुमति जरूरी थी।
यह है ड्रोन कैमरा:
ड्रोन कैमरा को रिमोट कंट्रोल के जरिए उड़ाया जाता है। यह बिल्कुल खिलौनेनुमा हेलीकॉप्टर की तरह होता है, जिसमें छोटा लेकिन पावरफुल कैमरा होता है। एक निश्चित ऊंचाई तक इसे उड़ाया जा सकता है।
इससे किसी संवनेदनशील स्थान की तस्वीर आसानी से ली जा सकती है। इसका इस्तेमाल आतंकी गलत मंसूबे के लिए कर सकते हैं। इस वजह से बिना अनुमति के ड्रोन कैमरे के इस्तेमाल पर रोक है।