चालीस प्रतिशत गांवों ने पूरी की स्वच्छता की कसौटी, तेलंगाना सौ प्रतिशत स्वच्छ; हिमाचल और MP ने भी किया कमाल
गांवों में स्वच्छ भारत मिशन के संचालन में कई राज्यों ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्ष एक अप्रैल तक केवल 18 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस थे जो आज तक बढ़कर 80 प्रतिशत हो गए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले एक साल में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन के संचालन में आई तेजी के कारण देश के लगभग चालीस प्रतिशत गांव अब तक ओडीएफ प्लस घोषित हो गए। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि एक साल में 33 प्रतिशत गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल किया है। अगर गांवों की संख्या के आधार पर बात करें तो पिछले साल मार्च तक 46,121 गांव ओडीएफ प्लस थे।
स्वच्छ भारत मिशन के संचालन में कई गावों ने किया शानदार काम
इनकी संख्या इस साल 31 मार्च तक 2,38,973 हो गई है। अगले वित्तीय वर्ष में पचास हजार अतिरिक्त गांवों को ओडीएफ प्लस की श्रेणी में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। गांवों में स्वच्छ भारत मिशन के संचालन में कई राज्यों ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। इनमें सबसे अच्छी प्रगति तेलंगाना (सौ प्रतिशत), तमिलनाडु (95 प्रतिशत) औऱ कर्नाटक (93.5 प्रतिशत) की रही है।
जानें कब राज्यों को मिलता है ओडीएफ प्लस का दर्जा
गौरतलब है कि ओडीएफ प्लस दर्जा किसी राज्य को तब दिया जाता है जब वह खुले में शौच से मुक्त होने के दर्जे को कायम रखता है और ठोस तथा तरल कचरे का समुचित प्रबंधन करने के साथ साफ तौर पर स्वच्छ दिखाई भी देता है। शेखावत ने बताया कि जिन कुछ अन्य राज्यों ने गांवों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया है, उनमें हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश ने किया शानदार काम
हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्ष एक अप्रैल तक केवल 18 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस थे, जो आज तक बढ़कर 80 प्रतिशत हो गए हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश ने छह से 62 प्रतिशत तथा उत्तर प्रदेश ने दो से 50 प्रतिशत तक की प्रगति की है। शेखावत ने कहा कि यह बहुत उत्साहजनक संकेत है। नए वित्तीय वर्ष के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन के लिए केंद्र और राज्यों के सहयोग से 52 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की जाएगी।