अटल सरकार गिरा चुके गमांग भाजपा शरणम्
कभी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को अपने एक वोट से सदन में गिराने वाले ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरधर गमांग अब भाजपा की छांव में बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई। उनके साथ केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और धर्मेद्र
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कभी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को अपने एक वोट से सदन में गिराने वाले ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरधर गमांग अब भाजपा की छांव में बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई। उनके साथ केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और धर्मेद्र प्रधान भी मौजूद थे।
औपचारिक रूप से गमांग ओडिशा में ही सदस्यता ग्रहण करेंगे। कुछ ही दिन पहले ही कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद गमांग भाजपा के हो गए। यूं तो केंद्रीय राजनीति सांसद के रूप में तो गमांग पुराने खिलाड़ी रहे हैं लेकिन उनकी चर्चा अक्सर एक ऐसे कांग्रेस नेता के रूप में होती रही है जिन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बावजूद 1999 में विश्वास मत के दौरान बतौर सांसद वोट किया था और एक वोट से ही वाजपेयी सरकार 13 महीनों में गिरी थी।
लोकसभा में उनके वोटिंग अधिकार को लेकर हुई लंबी बहस, कानून कायदे के हवाले के बाद स्पीकर ने गमांग के विवेक पर इसका फैसला छोड़ा था कि वह वोट करना चाहते हैं या नहीं। गमांग ने वोट किया था। अब जबकि गमांग भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं तो उस कृत्य की पूरी जिम्मेदारी कांग्रेस पर थोपते हुए उन्होंने कहा कि वह फैसला कांग्रेस सदस्य के रूप में लिया था।
परोक्ष रूप से यह भी दलील दी जा रही है कि असली गुनहगार बसपा थी। बहरहाल, गमांग अब भाजपा के खेमे में हैं और पार्टी नेतृत्व को लगता है कि ओडिशा में गमांग जैसा आदिवासी चेहरा संगठन के लिए अच्छा होगा। फिलहाल पश्चिमी ओडिशा से आदिवासी नेता जुएल ओरांव केंद्र में मंत्री हैं।
उत्तर ओडिशा से द्रौपदी मुर्मू को केंद्र सरकार ने झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया है। जबकि गमांग दक्षिणी ओडिशा में प्रभाव रखते रहे हैं। गमांग ने भाजपा की सोच और दिशा की प्रशंसा करते हुए कहा कि नेतृत्व उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगा वह पूरा करेंगे।
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