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पूर्व मंत्रियों का नहीं छूट रहा सरकारी बंगलों का मोह

संप्रग शासन के दौरान केंद्र सरकार में मंत्री रहे नेताओं का सरकारी बंगलों से मोह नहीं छूट रहा है। अंबिका सोनी और कुमारी सैलजा से बंगला खाली कराने की कवायद में जुटी केंद्र सरकार ने तीन और नेताओं को अपने लिए नया आशियाना ढूंढने के लिए कह दिया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2015 07:37 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2015 09:05 PM (IST)
पूर्व मंत्रियों का नहीं छूट रहा सरकारी बंगलों का मोह

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली । संप्रग शासन के दौरान केंद्र सरकार में मंत्री रहे नेताओं का सरकारी बंगलों से मोह नहीं छूट रहा है। अंबिका सोनी और कुमारी सैलजा से बंगला खाली कराने की कवायद में जुटी केंद्र सरकार ने तीन और नेताओं को अपने लिए नया आशियाना ढूंढने के लिए कह दिया है। खबरों के अनुसार, शहरी विकास मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला और कांग्रेस के दिवंगत नेता अर्जुन सिंह की पत्नी को बंगला खाली करने का नोटिस दिया है।

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आवास मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इसी साल अप्रैल में वीरभद्र के बंगले का आवंटन रद कर दिया था। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इसे खाली नहीं किया। शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सिंह ने संपदा निदेशालय को पत्र लिखकर कहा है कि बंगला उनके पास ही रहने दिया जाए। इस मुद्दे पर हिमाचल के जनप्रतिनिधि 29 सितंबर को निदेशालय के अधिकारियों से मिलने वाले भी हैं।

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सिंह के अलावा अब्दुल्ला और अर्जुन सिंह की पत्नी सरोज कुमारी को भी बंगला खाली करने के लिए कहा गया है। 2011 में अर्जुन सिंह के निधन के बाद भी तत्कालीन संप्रग सरकार ने सरोज कुमारी को पांच साल के लिए केनिंग लेन स्थित इस बंगले में रहने की इजाजत दे दी थी। लेकिन राजग सरकार ने आवंटन रद कर उन्हें आवास खाली करने के लिए कह दिया है।

इसी तरह मई 2014 में सरकार से हटने के बावजूद नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला अब तक तीनमूर्ति लेन स्थित सरकारी आवास में जमे हुए हैं। संप्रग सरकार में अक्षय ऊर्जा मंत्री के तौर पर उन्हें यह बंगला मिला था। गृह मंत्रालय ने मौखिक रूप से शहरी विकास मंत्रालय से अनुरोध किया है कि अब्दुल्ला को सुरक्षा कारणों से इस बंगले में रहने की इजाजत दी जाए। लेकिन शहरी विकास मंत्रालय चाहता है कि गृह मंत्रालय लिखित रूप से उससे यह अनुरोध करे, ताकि अंतिम फैसले के लिए कैबिनेट समिति के सामने यह मुद्दा रखा जा सके।

उल्लेखनीय है कि संप्रग के कई पूर्व मंत्रियों और पिछली लोकसभा के सांसदों से सरकारी बंगला खाली करवाने में मंत्रालय को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। पिछले साल सितंबर में अजित सिंह, मोहम्मद अजहरुद्दीन, बृजेंद्र सिंगला, पीसी चाको, अवतार सिंह भड़ाना, बीएल मरांडी और अर्जुन रॉय जैसे नेताओं के बंगले का बिजली पानी तक काटना पड़ गया था। इसी तरह अंबिका सोनी और कुमारी सैलजा ने भी सरकारी आवास खाली करने में लगातार आनाकानी की है। इसी साल 30 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट भी इनकी याचिकाओं को खारिज कर चुका है।


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