Move to Jagran APP

पूर्व चुनाव आयुक्त डॉ. कुरैशी ने कहा- निष्पक्ष चुनाव के लिए ईवीएम से बेहतर कोई सिस्टम नहीं

चुनाव सुधार एवं लोकतंत्र विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. कुरैशी ने कहा कि दुनिया के कई देशों के चुनावों में भारत की ईवीएम का उपयोग होता है। कहीं से किसी भी तरह की शिकायत नहीं आई है। चुनावों में ईवीएम की कई स्तर पर जांच होती है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 06:45 PM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 06:45 PM (IST)
पूर्व चुनाव आयुक्त डॉ. कुरैशी ने कहा-  निष्पक्ष चुनाव के लिए ईवीएम से बेहतर कोई सिस्टम नहीं
भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. एस. वाई. कुरैशी (फोटो आईआईएमसी)

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. एस. वाई. कुरैशी ने कहा कि पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव के लिए ईवीएम से बेहतर दूसरा कोई सिस्टम नहीं है। यदि इसमें छेड़छाड़ की गुंजाइश होती, तो किसी सरकार की हार नहीं होती। डॉ. एस. वाई. कुरैशी ने शुक्रवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'शुक्रवार संवाद' में व्यक्त किए।

loksabha election banner

दुनिया के कई देशों के चुनावों में उपयोग किया जाता है भारत की ईवीएम 

'चुनाव सुधार एवं लोकतंत्र' विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. कुरैशी ने कहा कि दुनिया के कई देशों के चुनावों में भारत की ईवीएम का उपयोग किया जाता है। कहीं से किसी भी तरह की शिकायत नहीं आई है। उन्होंने कहा कि चुनावों में ईवीएम के प्रयोग से पहले कई स्तर पर जांच होती है। मतदान से पहले पोलिंग एजेंटों के सामने इसे सील किया जाता है। मतगणना शुरू होने से पहले भी ईवीएम दिखाया जाता है। ऐसे में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी का सवाल ही नहीं है। जो चुनाव हार जाता है, वही ईवीएम आरोप लगाता है। ईवीएम पर अंगुली उठाना चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करना है।

भारतीय चुनाव आयोग विश्व का सबसे शक्तिशाली चुनाव आयोग

देश के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग विश्व का सबसे शक्तिशाली चुनाव आयोग है। भारतीय लोकतंत्र को विश्व की सबसे अच्छी शासन प्रणाली के रुप में जाना जाता है और विश्वसनीय चुनाव लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण लाइफलाइन है। उन्होंने कहा कि जब एक देश आगे बढ़ता है, तब कई पुरानी और नई चुनौतियां सामने आती हैं, जो चुनाव आयोग को तेज और निर्णायक फैसले लेने के लिए प्रेरित करती हैं। मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धन और बाहुबल की शक्ति का दुरुपयोग चिंता का विषय है, लेकिन न्यायपालिका ने हमेशा लोकतंत्र के संरक्षण का काम किया है।

चुनाव में महिलाओं की भागीदारी आज पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा

डॉ. कुरैशी के अनुसार चुनाव के दौरान धन का प्रचार सभी तरह के भ्रष्टाचार को जन्म देता है। चुनावी खर्च से जुड़े सुधार और राजनीति को अपराध मुक्त करने जैसे कई मुद्दे हैं, जिन पर भारत का निर्वाचन आयोग पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहा है। डॉ. कुरैशी ने कहा कि चुनाव में प्रत्येक वोट महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में पुरुषों के अनुपात में महिलाओं की जनसंख्या कम है, लेकिन चुनाव में महिलाओं की भागीदारी आज पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा है। कार्यक्रम का संचालन प्रो. सुरभि दहिया ने किया। स्वागत भाषण डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह ने दिया एवं धन्यवाद ज्ञापन डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रमोद कुमार ने किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.