बेंगलुरु हिंसा मामले में पूर्व कांग्रेसी मेयर आरोपित, जानकारी होने के बावजूद पुलिस से नहीं किया साझा
बता दें कि कांग्रेस विधायक आर. अखंड श्रीनिवास मूर्ति के एक रिश्तेदार की सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट को लेकर तीन हजार से ज्यादा आक्रोशित लोगों की भीड़ ने 11 अगस्त को विधायक और उनकी बहन जयंती के आवास को आग लगा दिया था।
बेंगलुरु, प्रेट्र। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट को लेकर भड़की हिंसा की जांच कर रही केंद्रीय अपराध शाखा ने पूर्व मेयर और वर्तमान कांग्रेस पार्षद आर. संपत राज को इस मामले में आरोपित बनाया है। जांच से जुड़े एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि डीजे हल्ली और केजी हल्ली हिंसा में उन्हें भी एक आरोपित के तौर पर नामित किया गया है। वह उन लोगों में शामिल थे जिन्हें हिंसा के बारे में जानकारी थी और उन्होंने इसे पुलिस के साथ साझा नहीं किया।
पुलिस ने उनसे और पुलकेशी नगर के कांग्रेस पार्षद अब्दुल रकीब जाकिर से दो बार कई घंटों तक पूछताछ की थी, लेकिन उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। हालांकि यह पता नहीं चल सका कि मामले में जाकिर को भी आरोपित बनाया गया है अथवा नहीं। बेंगलुरु हिंसा के नेतृत्वकर्ताओं के साथ कथित रूप से संपर्क में रहने के लिए संपत राज के निजी सहायक अरुण कुमार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
बता दें कि कांग्रेस विधायक आर. अखंड श्रीनिवास मूर्ति के एक रिश्तेदार की सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट को लेकर तीन हजार से ज्यादा आक्रोशित लोगों की भीड़ ने 11 अगस्त को विधायक और उनकी बहन जयंती के आवास को आग लगा दिया था। इसके बाद भीड़ ने डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस स्टेशनों को भी आग लगा दी थी। भीड़ को संदेह था कि विधायक के रिश्तेदार को वहां लॉकअप में रखा गया है। भीड़ ने सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया था और कई वाहनों को आग लगा दी थी। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी जिसमें तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी जबकि एक व्यक्ति की अस्पताल में मौत हुई थी। इस संबंध में अभी तक 421 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के नेता मुजम्मिल पाशा शामिल हैं।
एनआइए भी कर रही है इस मामले की जांच
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी इस मामले की जांच कर रही है और उसने मामले के प्रमुख आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। राज्य के गृह मंत्री बसावराज बोम्मई ने दावा किया था कि कांग्रेस की अंदरूनी कलह और बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका के आगामी चुनावों की वजह से यह हिंसा हुई थी। जबकि बोम्मई के बयान का खंडन करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह हिंसा रोक पाने की अपनी विफलता गुमराह करने वाले बयान देकर छिपाने की कोशिश कर रही है।