Former CJI Ranjan Gogoi: पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बनाया छात्रवृत्ति कोष, कानून के छात्रों को मिलेगा लाभ
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सांसद के रूप में मिली अपनी सैलरी से कानून की पढ़ाई कर रहे छात्रों की शिक्षा में मदद करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि दो सालों से राज्यसभा से वेतन और भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने सांसद के रूप में मिली अपनी सैलरी से कानून की पढ़ाई कर रहे छात्रों की शिक्षा में सहायता करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि दो सालों से राज्यसभा से वेतन और भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है। इससे कम से कम 10 से 15 छात्रों की सहायता हो जाएगी। असम या फिर देश के अन्य राज्यों में पांच साल की कानून की डिग्री हासिल करने वाला कोई भी छात्र इस छात्रवृत्ति का लाभ उठा सकता है ।
रंजन गोगोई को मार्च 2020 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था। उन्होंने अब तक संसद के रूप में अपने वेतन और भत्तों में से एक भी रुपया नहीं लिया है। इसी पैसे और भत्तों से छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए छात्रवृत्ति कोष बनाया गया है।
कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलेगा लाभ
इस बारे में पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, 'इस पैसे का उपयोग कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए होना चाहिए, खास कर वैसे छात्रों को जो कानून की पढ़ाई कर रहे हैं। मुझे विश्वस है कि पिछले दो सालों में राज्यसभा से जो वेतन और भत्ते मुझे नहीं मिले हैं उनसे कम से कम 10 से 15 छात्रों की शिक्षा के लिए पर्याप्त होगा।'
इससे पहले भी कर चुके हैं मुफ्त सेवा
असम के गुवाहाटी में एक वकील के तौर पर काम करने के दौरान गोगोई ने लोगों को मुफ्त कानूनी सेवाएं दी थी। उन्होंने इस छात्रवृत्ति के प्रचार के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन देने की योजना भी बनाई है, जिससे छात्र इसका लाभ उठा सकें। इस छात्रवृत्ति के माध्यम से छात्रों के ट्यूशन फीस के साथ-साथ उनके रहने का खर्च उठाया जाएगा। गोगोई ने कहा कि जो भी छात्र इसके लिए इच्छुक हैं वह इस माह के अंत तक अपने आवेदन को संबंधित अधिकारियों द्वारा दी गई ईमेल आईडी पर ई-मेल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि छात्रों को इसके लिए अपना नाम, मोबाईल नंबर , ईमेल आईडी, पता , उस संस्थान का नाम जहां छात्र का नमांकन हुआ है इत्यादी देना होगा।