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लेस्टर के दंगे के लिए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराने से भड़के पूर्व नौकरशाह, पत्र लिखकर जताई आपित्त

करीब 100 पूर्व नौकरशाहों ने सार्वजनिक चिट्ठी जारी कर लिबरल-लेफ्ट विचारधारा के बुद्धिजीवियों की प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने की सोची समझी साजिश करार दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर विभाजनकारी राजनीति के आरोपों का जबरदस्त विरोध किया है।

By JagranEdited By: Amit SinghPublished: Wed, 28 Sep 2022 04:30 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 04:30 AM (IST)
लेस्टर के दंगे के लिए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराने से भड़के पूर्व नौकरशाह, पत्र लिखकर जताई आपित्त
पीएम पर लगे आरोपों को लेकर पूर्व नौकरशाहों ने पत्र लिखकर जताई आपित्त

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: ब्रिटेन के लेस्टर में भड़के सांप्रदायिक दंगे के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश को लेकर देश के पूर्व नौकरशाहों ने तीखी आपत्ति जताई है। लगभग 100 पूर्व नौकरशाहों ने सार्वजनिक चिट्ठी जारी कर लिबरल-लेफ्ट विचारधारा के बुद्धिजीवियों की प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने की सोची समझी साजिश करार दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर विभाजनकारी राजनीति के आरोपों का विरोध करते हुए कहा कि मोदी सरकार पिछले आठ सालों से सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र पर काम रही है और उसकी नीतियों में जाति, धर्म और नस्ल के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है।

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दरअसल पिछले दिनों लेफ्ट-लिबरल बुद्धिजीवी प्रताप भानु मेहता के एक आलेख में प्रधानमंत्री मोदी की देश के भीतर विभाजनकारी नीतियों को लेस्टर दंगे के लिए जिम्मेदार ठहराया था। पूर्व नौकरशाहों ने इस लेख के पीछे पीएम मोदी के खिलाफ व्यक्त की गई नफरत को असली वजह बताया। उनके अनुसार इस आलेख में लेस्टर दंगे के अहम तथ्यों को नजरअंदाज कर प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने की कोशिश की गई है। उनके अनुसार ब्रिटिश पुलिस और वहां के सांसदों ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि हिंसा के पीछे कट्टरपंथी मुसलमानों का हाथ था और भारत-पाकिस्तान के बीच मैच को इसके लिए इस्तेमाल किया गया।

इन पूर्व नौकरशाहों के अनुसार लेस्टर में हिंदू घरों, दुकानों और मंदिरों को निशाना बनाया गया। इसकी वजह से बहुत सारे हिंदू परिवार इलाके को छोड़कर दूसरी जगह जाने के लिए मजबूर हो गए। वहां एक भी मस्जिद या मुस्लिम घर पर हिंदुओं की ओर हमले की घटना नहीं हुई। पूर्व नौकरशाहों ने लेस्टर दंगे के लिए हिंदुओं और मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराने के दौरान एक अहम तथ्य को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया। उनके अनुसार दंगे में भारतीय मुसलमानों और पाकिस्तानी मुसलमानों की भूमिका की अलग-अलग भूमिका को नहीं देखा गया।

उनके अनुसार दंगे के पीछे मूल रूप से कट्टर पाकिस्तानी मुसलमान जिम्मेदार हैं और इसी कट्टरता की वजह से ब्रिटेन ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान के साथ अवैध रूप से रह रहे ऐसे पाकिस्तानियों को वापस भेजने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उनके अनुसार भारतीय हिंदुओं और भारतीय मुसलमानों के बीच कोई वैमनस्यता नहीं है। खुला पत्र लिखने वालों में तीन पूर्व राजदूत भास्मती मुखर्जी, वीणा सीकरी और श्यामला ही कोवसिक भी शामिल हैं।


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