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आतंकवाद को अपने हित के लिए इस्तेमाल कर रहे कुछ देश: विदेश सचिव

जयशंकर ने कहा कि आने वाले दिनों में वैश्विक विकास के माहौल में कनेक्टिविटी, पर्यावरण में बदलाव और आतंकवाद तीन अहम चुनौतियां होंगी।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 20 Nov 2017 09:50 PM (IST)Updated: Mon, 20 Nov 2017 09:50 PM (IST)
आतंकवाद को अपने हित के लिए इस्तेमाल कर रहे कुछ देश: विदेश सचिव
आतंकवाद को अपने हित के लिए इस्तेमाल कर रहे कुछ देश: विदेश सचिव

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विदेश सचिव एस जयशंकर ने एक बार फिर पड़ोसी देश पाकिस्तान पर निशाना साधा है। पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की तरफ से एंबेसडर क्लब की स्थापना के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि आने वाले दिनों में वैश्विक विकास के माहौल में कनेक्टिविटी, पर्यावरण में बदलाव और आतंकवाद तीन अहम चुनौतियां होंगी। यह अफसोस की बात है कि आतंकवाद को अभी भी कुछ लोग अपनी हितों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

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उन्होंने पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम तो नहीं लिया लेकिन साफ था कि उनका इशारा किस तरफ था। विदेश सचिव ने कहा कि आर्थिक सुधार लागू होने के 25 वर्षो में भारत ने जो प्रगति की है उसका असर कूटनीति क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है।

उन्होंने केंद्र सरकार की नेबरहुड पॉलिसी का भी जिक्र किया जिसके तहत सरकार पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को सुधारने पर सबसे ज्यादा जोर दे रही है। इसके लिए कनेक्टिविटी को बेहद जरुरी बताते हुए उन्होंने कहा कि यह सबसे अहम है। भारत भी इस पर बहुत ध्यान दे रहा है। साथ ही भारत यह भी चाहता है कि वह अपने आर्थिक विकास को पड़ोसी देशों के साथ भी साझा करे। यही वजह है कि हाल के दिनों में भारत ने पड़ोसी व अन्य देशों को दिए जाने वाले 'लाइन ऑफ क्रेडिट' (द्विपक्षीय कारोबार बढ़ाने के लिए कर्ज) की सुविधा बढ़ा दी है।

भारत पूर्व और पश्चिम में दूर दराज के स्थित अपने पड़ोसियों के साथ भी बेहतर रिश्ते कायम कर रहा है। पूर्व में स्थित यूएई, सउदी अरब, कतर, ईरान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन सभी देशों के साथ रिश्ते और प्रगाढ़ हुए हैं।

जयशंकर ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी समाजिक व आर्थिक विकास की नीतियों को भी सिर्फ सरकारी विभागों का काम नहीं रहने दिया है बल्कि जब दूसरे देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता होती है उसमें भी डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों की अहम भूमिका होती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पीएचडी चैंबर की तरफ से स्थापित एंबेसडर क्लब देश की कूटनीति को मदद करेगी। यह क्लब भारत के दूसरे देशों के साथ आर्थिक रिश्तों को मजबूत बनाने में अहम सहयोग करेगी।

पीएचडी चैंबर के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजीव तलवार के मुताबिक इसमें कुछ मौजूदा तो कुछ सेवानिवृत्त राजनयिक होंगे जिनके अनुभव का इस्तेमाल किया जाएगा। कल्ब इन राजनयिकों के अनुभवों व सुझाव के आधार पर भारत के द्विपक्षीय कारोबारी रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने की कोशिश करेगा।

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