मंगलुरु, पीटीआई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में देश का सामाजिक-आर्थिक विकास और घरेलू मोर्चे पर प्रगति या विफलता मायने रखती है। उडुपि में 'अमृत काल में भारत' विषय पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि कोई देश ऐसा नहीं है, जो घर में औसत प्रदर्शन करे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसका बहुत ज्यादा सम्मान हो।

विदेश मंत्री ने कहा कि विदेश नीति इस बात का प्रतिबिंब है कि घर में क्या हो रहा है। उन्होंने इस बात पर विश्वास व्यक्त किया कि 'अमृत काल' में भारत अग्रणी शक्ति के रूप में उभरेगा और एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा। अर्थशास्त्र, जनसांख्यिकी, कौशल और प्रौद्योगिकी उस दिशा में इशारा कर रही हैं।

देश के युवाओं से अगले 25 वर्षों में वैश्विक कार्यस्थल के अनुरूप खुद को तैयार करने का आह्वान करते हुए जयशंकर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रौद्योगिकी का एकीकरण होगा। डिजिटल रूप से संचालित परिवर्तन प्रौद्योगिकी के मामले में भारत में एक मौन लोकतांत्रिक क्रांति ला रहा है। देश ने एक डिजिटल प्लेटफार्म बनाया है, जिसने शासन को बदल दिया है और लीकेज को कम किया है।

विदेश मंत्री ने पिछले एक दशक में विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा उठाए गए उन कदमों का भी जिक्र किया, जिनसे गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाले लोगों को सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि महामारी शुरू होने के बाद पिछले ढाई साल से सरकार 80 करोड़ लोगों को खाद्यान्न मुहैया करा रही है। महामारी के सामाजिक पहलू से निपटने में यह महत्वपूर्ण कदम रहा है।

Edited By: Devshanker Chovdhary