भारतीय भाषाओं में होगी विदेशी कोर्सों की पढ़ाई
ऑनलाइन 'स्वयं' पोर्टल के जरिये संचालित होंगे यह कोर्स, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बनाई योजना, रोजगारपरक कोर्सों को मिलेगा बढ़ावा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले रोजगारपरक कोर्सों के लिए भारतीय छात्रों को अब न तो विदेश जाने की जहमत उठानी पड़ेगी और न ही उन्हें भाषाई परेशानी से दो-चार होना पड़ेगा। उन्हें ऐसे सभी कोर्स अब ऑनलाइन घर बैठे और भारतीय भाषाओं में ही उपलब्ध होंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ऑन लाइन शिक्षा में दुनिया का सबसे बड़ा पोर्टल बन चुके स्वयं के जरिये इस योजना को साकार करने में जुटा है। भारतीय छात्रों को अभी ऐसे कोर्सों के विदेशी विश्वविद्यालयों के चक्कर लगाने होते थे। इसके लिए उन्हें भारी भरकम राशि भी चुकानी पड़ती है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विदेशी विश्वविद्यालयों में संचालित हो रहे ऐसे रोजगारपरक कोर्सों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस संबंध में विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ बातचीत की जा रही है। इनमें से शिक्षा के क्षेत्र में पहले से मौजूद समझौते के तहत कई देशों से सहमति भी मिल चुकी है। जल्द ही इन कोर्सों को भारतीय छात्रों की जरूरत और मांग के हिसाब से स्थानीय भाषाओं में तैयार कराया जाएगा। माना जा रहा है कि इन कोर्सों को भारतीय भाषाओं में बदलते ही छात्रों की रुझान तेजी से बढ़ेगा।
योजना पर काम कर रहे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक विदेशी कोर्सों की भारतीय भाषाओं में उपलब्धता होते ही हर साल इन्ही कोर्सों के लिए विदेशी जाने वाले छात्रों की संख्या में भी गिरावट दिखेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल उच्च शिक्षा के लिए अकेले करीब दो लाख छात्र अमेरिका जाते हैं, जो विदेशों में प्रति वर्ष करीब 60 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करते हैं। यह राशि देश में मौजूदा समय में उच्च शिक्षा पर खर्च होने वाली राशि से कई गुना ज्यादा होती है। देश का उच्च शिक्षा का बजट वर्ष 2017-18 में करीब 30 हजार करोड़ का था।
मौजूदा समय में ऑनलाइन शिक्षा देने का स्वयं सबसे बड़ा पोर्टल है, जिसमें फिलहाल 18 लाख लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा रखा है, जबकि मंत्रालय की योजना इसे अगले साल तक एक करोड़ लोगों तक पहुंचाने की है।